किसानों में खुशी की लहर : बाजरे की भावांतर राशि पहुंची खातों में, बाजरा उत्पादक किसानों को प्राप्त हुई 7.54 करोड़ की राशि
प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने आखिरकार खरीफ सीजन की बाजरे की फसलों को अक्तूबर माह में मंडियों में बेचे लगभग 3 लाख 70 हजार क्विंटल के प्रथम चरण में 2250 रुपाए व 2200 की दरों पर बाजरा उत्पादक किसानों के खातों में भावांतर योजना की लगभग 7 करोड़ 54 लाख की यह राशि डाल दो है। यह राशि किसानों के सातों में भेजी गई है, जिससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
प्रदेश सरकार ने भाांतर योजना से फसलों को मार्किट भाव की बजाए एम.एस.पी. लाभ देने की योजना लागू की है। इससे किसान को अपनी कृषि भूमि का पूरा पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर करना होता है। प्रदेश सरकार एस. डी. एम. तहसीलदार जैसे राजपत्रित अधिकारियों की देखरेख में राजस्व व कृषि विभाग की विशेष टीमों द्वारा पंजीकरण का धरातली सत्यापन भी करवाती है। इसके बाद पोर्टल पर आने वाली फसलों को या तो मंडी में सरकारी खरीद एजेंसी से खरीद करते हैं और जिसकी खरीद नहीं हो पाती उन किसानों को मार्किट भाव के अलावा बची राशि का खुद बहन करते उनके खातों में भेजी जाती है।
दक्षिणी हरियाणा में सबसे अधिक बोई जाने वाली बाजरा फसल का जिन किसानों ने खरीफ सीजन 2023 में पोर्टल पर पंजीकरण करवाया था उन किसानों के बाजरे का कुछ हिस्सा सरकार ने प्रथम चरण में 2250 रुपए के सरकारी भाव पर मंडियों में खरीद की थी, लेकिन उसके बाद मंडियों में आने वाली फसल को 2500 की दरों पर खरीदा गया है। जिन किसानों की मंडी में प्रथम चरण में बाजरा की फसल खरीद की गई उनके खातों में देर रात्रि सरकार ने भावांतर योजना के हिसाब से प्रति एकड़ 2000 रुपए की राशि सीधे किसान के खाते में भेज दी है। योजना के तहत चयनित
किसानों की अक्तूबर माह में हो फसल खरीद उठान के बाद 2250के तहत भुगतान कर दिया गया था वहीं अब बकाया राशि के रूप में देर रात्रि करोड़ों की धनराशि खाते में डाल दी गई है। इसके अलावा बिना मंडियों में विक्री करने वाले किसानों के खातों में शेष बचे लगभग 40 फीसदी किसानों को अगले सप्ताह जारी होने की उम्मीद है। जिन किसानों का बैंक खाता व भूमि संबंधी डिटेल सही पाई गई है उनके खातों में 7 करोड़ 54 लाख पैसे डाल दिए गए है।
सरकार किसानों के हर कदम के साथ खड़ी दलाल
कृषि मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि देश में पहली बार सरकार ने भावांतर योजना लागू की है, जिससे किसानों की फसल की खरीद एम. एस. पी. की दरों पर सुनिश्चित की जा रही है। अगर मार्किट में फसलों का भाव ज्यादा है तो किसान स्वैच्छा से मार्किट में अपना अनाज बेच सकता है और अगर कम भाव मिलता है तो सरकार उनको इस योजना में शामिल कर लाभावित करने में कोई कमों नहीं छोड़ रही है। जिन किसानों के खाते प्रथम चरण में छूट गए थे उनको दुरसरे चरण में शामिल कर उनके बकाया राशि भेजी जाएगी। इस क्षेत्र के किसानों को सुक्ष्म सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई के लिए 200 करोड़ की राशि खर्च करने के अलावा फसली नुक्सान होने पर हजारों करोड़ मुआवजा व अब भावांतर राशि से किसानों को लाभांवित किया जा रहा है।
किसानों ने कृषि मंत्री का किया आभार व्यक्त
किसान समुंद्र सिंह, आनंद कुमार, दीपक श्योराण, तवासिंह आदि ने किसानों ने खातों में ऐसे पहुंचने पर उन्होंने खुशी प्रकट करते हुए कृषि मंत्री जे.पी. दलाल का आभार प्रकट किया है। इस बारे में कृषि विषय विशेषज्ञ डा. चंद्रभान श्योराण से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि भावांतर योजना के पंजीकृत लाभार्थियों को सीधे राज्य मुख्यालय से राशि डाली जाती है इसलिए पूरी अपडेट वहीं से मिलती है, लेकिन विभाग ने बड़े स्तर पर पंजीकृत किसानों के खातों में राशि भेजी है।
बना बिक्री करने वाले अन्नदाताओं को रहेगा इंतजार
प्रदेश सरकार के कृषि विभाग द्वारा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के बाद जिले के 3 खरीद केंद्रों पर बाजरा खरीद की गई थी, जिनमें चरखी दादरी की मंडी में 2 लाख 18 हजार क्विंटल, झोलू खरीद केंद्र पर 29308 क्विंटल, बाढड़ा मंडी में 91 हजार क्विंटल बाजरे को 2200 व 2250 की दरों पर खरीदा गया है। इन सबके खातों में पैसे डालने आरंभ कर दिए गए हैं जी प्रक्रिया आगामी 3 दिन तक संचालित होने की उम्मीद है। पंजीकृत के बाद बिना बिक्री के जिन किसानों को भावांतर योजना का लाभ मिलेगा उनको अगले सप्ताह तक इंतजार करना पड़ेगा। मंडी आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष हनुमान शर्मा ने बकाया बचे किसानों को भी भावांतर योजना में शामिल करने के लिए कृषि मंत्री के.पी. दलाल को भेजे पत्र में सारी स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने खरीफ सीजन 2022 की भावांतर योजना की समीक्षा करवाने व किसानों के साथ बरती गई त्रुटि को ठीक करवा कर बकाया राशि भी जल्दी डलवाने की मांग की है।