ग्वार की खड़ी फसल में खरपतवारनाशक स्प्रे से हो सकता है दोहरा नुकसान, जाने क्या कहते है कृषि वैज्ञानिक?

ग्वार की खड़ी फसल में खरपतवारनाशक स्प्रे से हो सकता है दोहरा नुकसान, जाने क्या कहते है कृषि वैज्ञानिक?
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ग्वार की खड़ी फसल में खरपतवारनाशक स्प्रे से हो सकता है दोहरा नुकसान: डा. यादव

सिरसा। ग्वार बारानी क्षेत्रों की एक महत्वपूर्ण फसल है। खरीफ मौसम की यह एक मुख्य फसल जानी जाती है, जोकि जमीन की उर्वरका शक्ति बढ़ाती है, जो आगामी सरसों व गेहूं की फसल की पैदावार बढ़ाने में काफी सहायक है। ग्वार फसल में खरपतवारों का समय पर नियंत्रण करने से पैदावार बढ़ती है। यह बात ग्वार विषेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने गोष्ठी के दौरान बोलते हुई किसानों से कही। इस प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा ग्वार की खड़ी फसल में काफी किसान चौड़ी पत्ती वाली खरपतवार को खत्म करने के लिए खरपतवारनाशक दवा का प्रयोग करते हैं, जो ग्वार की फसल पर बुरा असर डालती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सिरसा जिले के खण्ड ओढ़ां के गांव किंगरे में किसानों को बीज उपचार, ग्वार की उन्नत किस्मों की जानकारी तथा ग्वार की खड़ी फसल में अनावश्यक खरपतवारनाशक दवाई का प्रयोग न करने तथा इसके नुकसान के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए कृषि विभाग ओढ़ां के एटीएम पवन यादव के तत्वावधान में ग्वार विषेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव के सहयोग से गोष्ठी का आयोजन किया गया।

किसानों को आगाह:

डॉ. यादव ने इस शिविर में किसानों को आगाह किया कि ग्वार की खड़ी फसल में चौड़े पत्ते वाली खरपतवार जैसे साठी व कौहन्दरा के नियत्रंण के लिए किसी भी अनावश्यक खरपतवार नाशक दवा का प्रयोग न करें। इस तरह की दवाई के प्रयोग से किसानों को दोहरा नुकसान होता है। दवा के प्रयोग से खरपतवार तो बेशक खत्म हो जायेंगे, लेकिन दवा का दुष्प्रभाव ग्वार की फसल के लिए बेहद नुकसानदायक है। ऐसा करने से ग्वार फसल के पत्ते पीले पडऩे शुरू हो जाते हंैतथा इसके साथ ग्वार की बढ़ोतरी 12 से 15 दिन तक रूक जाती है। इन दवाओं का असर आगामी फसल सरसों के जमाव पर 25 से 40 प्रतिशत तक पड़ता है तथा बाद में सरसों फसल की बढ़वार व पैदावार को काफी प्रभावित कर देती है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि खरपतवार से निजात पाने के लिए एक निराई-गुड़ाई बिजाई के 25 से 30 दिन पर अवश्य करें। अगर इसके बाद जरूरत हो तो एक गुड़ाई इसके 15-20 दिन के बाद करें। इस प्रोग्राम को निरीक्षण करने के लिए एग्रीवाच संस्था से विष्णुदेव डिप्टी मैनेजर विशेष तौर पर मौजूद थे। मुख्य अथिति पवन यादव ने किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मेरी फसल मेरा ब्यौरा, मेरा पानी मेरा विरासत तथा प्राकतिक खेती के बारें में पूरी जानकारी दी।

इस अवसर पर शिविर में मौजूद 81 किसानों को बीज उपचार के लिए एक-एक एकड़ की वेबिस्टिन दवाई तथा बीज उपचार के लिए एक जोड़ी दस्तानें हिन्दुस्तान गम एण्ड कैमिकल्स भिवानी की तरफ से मुफ्त दिये गए। इस अवसर पर प्रश्नोतरी सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पांच किसानों को प्रश्न पूछने पर सही जबाव देने पर इनाम देकर सम्मानित किया। इस प्रोग्राम को आयोजित करने में नम्बरदार सतपाल सिंह का विशेष योगदान रहा। इसके अलावा इस शिविर में गुरूतेज सिंह, बलराज सिंह, राजेन्द्र सिंह, सिकन्दर, काला सिंह, बलजीत सिंह, दर्शन सिंह, संदीप सिंह आदि किसान मौजूद थे।

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