MSP क्या है? | किसानों को MSP से क्या फायदा? | कौन तय करता है फसलों की MSP? | 23 अनाजों में कौन-कौन से शामिल हैं?

MSP क्या है? | किसानों को MSP से क्या फायदा? | कौन तय करता है फसलों की MSP? | 23 अनाजों में कौन-कौन से शामिल हैं?
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MSP क्या है? | किसानों को MSP से क्या फायदा? | कौन तय करता है फसलों की MSP? | 23 अनाजों में कौन-कौन से शामिल हैं?

खेत खजाना : किसानों द्वारा मेहनत से उगाए गए अनाज की कभी-कभी उसे सही कीमत नहीं मिलती। इसी समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को शुरू किया है। इस लेख में, हम आपको MSP के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, ताकि आप इसे समझ सकें।

MSP क्या है?

MSP का मतलब होता है 'मिनिमम सपोर्ट प्राइस'। यह सरकार द्वारा तय की जाती है उस समय की कीमत के अनुसार, जब किसान अपनी फसल को मंडी में बेचता है। इससे किसानों को उनकी मेहनत का मूल्य मिलता है और वे अपनी फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

किसानों को MSP से क्या फायदा?

MSP से, किसानों को उनकी फसलों की कीमतों का पूर्व-अनुमान होता है, जिससे उन्हें अपनी खेती को प्लान करने में मदद मिलती है। इससे उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलता है और वे अपनी मेहनत को मजबूती से जारी रख सकते हैं।

कौन तय करता है फसलों की MSP?

कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) हर साल रबी और खरीफ फसलों के लिए MSP तय करती है। इसकी आधार पर सरकार हर वर्ष 23 अनाजों के लिए MSP निर्धारित करती है।

23 अनाजों में कौन-कौन से शामिल हैं?

मक्का

ज्वार

बाजरा

धान

गेहूं

जौ

रागी

मूंग

अरहर

चना

उड़द

मसूर

तिलहन

सोयाबीन

तिल

सूरजमुखी

कुसुम

मूंगफली

तोरिया-सरसों

नाइजर बीज

कपास

खोपरा

गन्ना और कच्चा जूट

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