कपास की बिजाई का समय क्या है ? विभाग ने किसानों को इस तारीख तक नरमा- कपास की बिजाई करने की दी सलाह

कपास की बिजाई का समय क्या है ? विभाग ने किसानों को इस तारीख तक नरमा- कपास की बिजाई करने की दी सलाह
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कपास की बिजाई का समय क्या है ? विभाग ने किसानों को इस तारीख तक नरमा- कपास की बिजाई करने की दी सलाह

खेत खजाना : नई दिल्ली, किसान भाइयों जैसा की आप सभी जानते है कपास की खेती भारत में बड़े स्तर पर की जाती है । लेकिन पिछली हुए भारी नुकसान की वजह से किसानों का मोह भंग हो गया है । जिसके चलते इस बार कपास की खेती का ग्राफ घटा है और किसानी अपने रिष्क पर कपास की खेती कर रहे है । लेकिन पिछले बार जो नुकसान हुआ है वो इस बार न हो इसके लिए कृषि विभाग द्वारा बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे है लेकिन इस बार का अनुमान है की इस बार भी कपास की खेती बीमारियों का अटैक होगा । अटैक होने का कारण है की नरमा कपास की फसल खरीफ की फसल है इसमें रोगों का होना माना जाता है । अगर किसानों की तरफ से सही तरीके बिजाई व खाद-स्प्रे का प्रयोग समय पर हो जाए तो कपास की खेती में आने वाले रोगों से बचा जा सकता है । हालांकि कृषि विभाग का मानना है की आगामी 20 अप्रैल तक कपास की बिजाई का दौर शुरू हो जाएगा ।

हालांकि कपास की खेती में आने वालों रोगों व खासकर गुलाबी सूँडी के रोकथाम के लिए राजस्थान सरकार अपने स्तर पर किसानों को खरीफ सीजन 2024 की फसलों के लिए किसानों को समय समय पर जागरूक कर रही है । कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के पास जाकर, किसानों के बीच संगोष्ठी, पंपफ्लेट, सोशल मिडिया का सहारा लेकर जागरूक करने का काम कर रही है । इसके साथ ही यहाँ के किसानों को समय पर बिजाई करने, बिजाई के दौरान उपयुक्त दूरी रखने और बीज की मात्रा आदि की जानकारी किसानों को दी जा रही है।

क्या है कपास की बिजाई का सही समय ?

किसान भाइयों कपास खेती में सही समय पर बिजाई का होना बहुत जरूरी है । बिजाई करने से पहले किसान किसी दूसरे प्रगतिशील किसान की सलाह लें या फिर अपने नजदीकी कृषि अधिकारियों से राय जरूर लें ताकि कपास की खेती सही समय पर की जा सके । कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार कपास की बुवाई 20 अप्रैल से 20 मई के बीच करना फायदेमंद रहता है। अगेती और पिछेती बिजाई हर बार कारगर नहीं होती है। ऐसे में किसानों को उपयुक्त समय पर ही बिजाई करनी चाहिए। सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में कपास की पिछेती बिजाई करने की बजाए किसान मूंग, मोठ, आदि फसल की बुआई कर सकते हैं।

किसान कैसे करें कपास की बिजाई ?

किसान भाइयों कपास की खेती में बिजाई का ज्ञान का होना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर किसी फसल की बुवाई - बिजाई सही तरीके से नहीं होगी तो वह फसल किसानों को उत्पादन निकालकर नहीं देगी ऐसे में कृषि विभाग के मुताबिक बुवाई से पहले अच्छे बीज का चुनाव जरुरी है। बीटी कॉटन का एक बीघा में एक पैकेट (475 ग्राम) बीज ही उपयोग में लेने की सलाह दी गई है। वहीं प्रति बीघा 2 से 3 पैकेट डालना फायदेमंद नहीं होता है। बुआई के लिए बीटी कॉटन की ढाई फीट वाली बुआई मशीन को 108 सेमी. (3 फीट) पर सेट करना चाहिए। किसी भी हालत में 3 फीट से कम दुरी पर बीजाई नहीं करनी चाहिए।

प्रथम सिंचाई के बाद में पौधों से पौधे की दुरी 2 फीट रखने के लिए विरलीकरण आवश्यक रूप से करना चाहिए। बीजाई के समय सिफारिश उर्वरक बैसल में अवश्य देना चाहिए, क्योंकि बैसल में दिए जाने वाले उर्वरक खड़ी फसल में देने से अधिक कारगर परिणाम नहीं देते हैं।

वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्ष जिले में बीटी कॉटन की मार्च के अंत से बिजाई शुरू हो गई थी जो मई अंत तक चली थी। गुलाबी सुंडी का प्रकोप, बॉल सड़ने के रोग तथा बॉल के अपरिपक्व रहने से आशा अनुरूप कॉटन का उत्पादन नहीं मिला। ऐसे में किसानों को बिजाई से पहले अपने खेतों में भंडारित की गई कॉटन बनछटियों के ढेर का निस्तारण कर देना चाहिए।

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