गेहूं किसान हो जाएं सतर्क, फसल उत्पादन पर पड़ेगा प्रभाव, बढ़ेगी परेशानी, जानें वजह

अल नीनो के प्रभाव से इस बार की सर्दी में कमी की आशंका है, जिससे आने वाली गर्मी की शुरुआत हो सकती है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, फरवरी माह से ही गर्मी का मौसम शुरू होने की संभावना है.

गेहूं किसान हो जाएं सतर्क, फसल उत्पादन पर पड़ेगा प्रभाव, बढ़ेगी परेशानी, जानें वजह
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अल नीनो के प्रभाव से इस बार की सर्दी में कमी की आशंका है, जिससे आने वाली गर्मी की शुरुआत हो सकती है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, फरवरी माह से ही गर्मी का मौसम शुरू होने की संभावना है. इसका सीधा प्रभाव रबी फसलों, खासकर गेहूं पर पड़ेगा. गेहूं की उत्पादन में कमी की संभावना बढ़ रही है, जिससे खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही है.

इसी कारण, सरकार ने गेहूं की अधिक खरीदी को लेकर सतर्कता जताई है. केंद्र सरकार ने देश के गेहूं उत्पादक राज्यों को गेहूं की खरीदी की तैयारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं, और मार्च महीने से ही कई राज्यों में गेहूं की खरीद शुरू कर दी जाएगी.

देश का कृषि निर्यात बढ़ने का लक्ष्य है कि 2030 तक यह दोगुना होकर 100 अरब डॉलर को पार करेगा. इसके साथ ही, भारत गुड्स एंड सर्विसेज के एक्सपोर्ट को भी 2030 तक 2 हजार अरब डॉलर का लक्ष्य लेकर चल रहा है. विभिन्न आंकुशों के बावजूद, चावल, गेहूं, और चीनी सहित कुछ प्रमुख वस्तुओं की खेप पर लगे अंकुशों के कारण चालू वित्त वर्ष में देश का एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पिछले साल के 53 अरब डॉलर के स्तर से अधिक रहेगा.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत का गेहूं और चीनी के आयात का कोई इरादा नहीं है, और इस समय इस पर कोई प्रस्ताव नहीं है. गोयल ने यह भी कहा कि गेहूं, चावल और चीनी के निर्यात पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की चर्चा वर्तमान में नहीं हो रही है.

गेहूं और अन्य फसलों के उत्पादन में कमी की संभावना के चलते, किसानों को समर्थन एवं सुरक्षा की आवश्यकता है. सरकार को इस मामले में सकारात्मक उपाय अपनाने का मौका मिला है, ताकि कृषि उत्पादन में गिरावट को सुनिश्चित कर सके और किसानों को उचित मूल्य मिल सके.

निर्यात पर लगे प्रतिबंध और अंकुशों की वजह से, इस वित्त वर्ष में लगभग 4 से 5 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित हो सकता है. यह चुनौतीओं का सामना करने के लिए किसानों को सही मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया जाना चाहिए ताकि उन्हें नए बाजारों में पहुंचने में मदद मिल सके.

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