गर्मी के साथ गेहूं के पौधों में आ रहा है पीलापन, तो नुकसान से बचने के लिए किसानों को करने होंगे कुछ खास उपाय, यहां देखें- कृषि विशेषज्ञों द्वारा बताए गए रामबाण इलाज

गेहूं की फ़सल को बढ़ते तापमान से नुकसान होने की संभावना होती है, लेकिन किसानों को इससे बचने के लिए कुछ उपाय अपनाने चाहिए।

गर्मी के साथ गेहूं के पौधों में आ रहा है पीलापन, तो नुकसान से बचने के लिए किसानों को करने होंगे कुछ खास उपाय, यहां देखें- कृषि विशेषज्ञों द्वारा बताए गए रामबाण इलाज
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गर्मी के साथ गेहूं के पौधों में आ रहा है पीलापन, तो नुकसान से बचने के लिए किसानों को करने होंगे कुछ खास उपाय, यहां देखें- कृषि विशेषज्ञों द्वारा बताए गए रामबाण इलाज

गेहूं की फ़सल को बढ़ते तापमान से नुकसान होने की संभावना होती है, लेकिन किसानों को इससे बचने के लिए कुछ उपाय अपनाने चाहिए। यहां हम गेहूं की फ़सल में ज्यादा तापमान से नुकसान को रोकने के उपायों पर चर्चा करेंगे:

उपाय

फोलियर स्प्रे का उपयोग: 15 ग्राम सिलीसीक अमल को 100 लीटर पानी में मिलाकर फोलियर स्प्रे करें। यह गेहूं की फसल को तापमान के प्रभाव से बचाने में मदद करता है।

पोटेशियम नाइट्रेट का उपयोग: गेहूं की फसल को पोटेशियम नाइट्रेट 13:0:45 के साथ छिड़काव करें। इससे फसल को तापमान के प्रभाव से बचाया जा सकता है।

प्रॉपिकोनाजोल का उपयोग: झूलसा रोग के खिलाफ लड़ाई में प्रॉपिकोनाजोल का उपयोग करें। प्रॉपिकोनाजोल 1 मिली लीटर को प्रति लीटर पानी में मिलाकर फव्वारा करें।

समय पर पानी देना: गर्मियों में फसल को समय पर पानी देने से तापमान का प्रभाव कम होता है।

अगर किसान को फसल में किसी प्रकार के कीट व्याध का संकेत मिलता है, तो उन्हें पेस्टिसाइड्स का उपयोग करना चाहिए।

समय पर बीजाई

गेहूं की फ़सल को समय पर बीजाई करना चाहिए, ताकि वह अच्छे मौसम में विकसित हो सके और तापमान के प्रभाव से नुकसान न हो।

निर्देश

उपाय मात्रा उपयोग

फोलियर स्प्रे 15 ग्राम / 100 लीटर तापमान को नियंत्रित करने के लिए फोलियर स्प्रे का उपयोग करें।

पानी का प्रयोग - गेहूं को तापमान कम करने के लिए नियमित रूप से पानी दें।

खाद का उपयोग - गेहूं की फ़सल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए उपायुक्त खाद का उपयोग करें।

पेस्टिसाइड्स का उपयोग - कीटाणुओं और कीट व्याधों से निपटने के लिए पेस्टिसाइड्स का उपयोग करें।

समय पर बीजाई - गेहूं को समय पर बोने, ताकि वह अच्छे मौसम में विकसित हो सके और तापमान के प्रभाव से नुकसान न हो।

इन उपायों का पालन करके किसान अपनी गेहूं की फ़सल को बढ़ते तापमान से बचा सकते हैं और अधिक उत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं।

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