धान की अधिक पैदावार के लिये कोण सी खाद और स्प्रे डाले होगी दुगनी पैदावार जानिऐ विस्तार से

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आमदनी कमाने के लिए किसानों के लिए नया दिशा-निर्देशन लाती मूली की खेती बगावत का एक उचित उपाय हो सकता है। बागपत के किसान राजेश और गुलफाम ने कम लागत और कम पानी से मूली की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया है। इस लेख में, हम आपको मूली की खेती के फायदे, खेती की प्रक्रिया, और सफल किसानों के अनुभव से रूबरू कराएंगे।

मूली की खेती के फायदे:

मूली की खेती का मुनाफा बगावत के लिए कई फायदे हो सकते हैं:

फासले की बार-बार उगाई: मूली की खेती साल में चार बार उगाई जा सकती है, जिससे किसानों को साल भर नियमित आमदनी की संभावना होती है।

तेज़ प्रक्रिया: मूली केवल 35 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है, जिससे अन्य फसलों की तुलना में कम समय लगता है।

कम पानी की आवश्यकता: मूली की खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे सूखा की समस्या से बचा जा सकता है।

अच्छा मुनाफा: मूली का रेट बाजार में अच्छा होता है और इसकी मंडी में आसानी से बिक्री होती है, जिससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

मूली की खेती की प्रक्रिया:

मूली की खेती की सफलता के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

कदम प्रक्रिया

1. भूमि की तैयारी सबसे पहले, खेत की तैयारी करें, और उसमें खाद और काजू की खाद डालें।

2. बीज की बोवाई मूली के बीज को बोवाई करें, यानी खेत में बूंद बूंद करके बोवा दें।

3. समय पर स्प्रे कीट से बचाव के लिए समय पर कीट स्प्रे करें।

4. पूरी तरह से तैयार होने पर मंडी में बेचें मूली को 35 दिनों के बाद तैयार होने पर मंडी में बेचें और अच्छा मुनाफा कमाएं।

किसानों का अनुभव:

राजेश की कहानी: बागपत के किसान राजेश ने मूली की खेती से कम पानी और कम समय में अच्छा मुनाफा कमाया है। उन्होंने बीज की बोवाई के बाद कीट से बचाव के लिए समय पर स्प्रे करने का महत्व बताया है।

गुलफाम की सफलता: किसान गुलफाम ने 15 बीघे जमीन में मूली की खेती की है और 35 दिनों में फसल तैयार हो गई है। उन्होंने मंडी में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया है।

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इस तरह के प्रयास से, मूली की खेती के लिए नए किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा और वे अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे। यह एक साथ ही कम पानी की आपूर्ति को भी बचाएगा, जो कृषि के सुस्त तथा बर्बाद हो रहे प्रक्रियों का एक नया दिशा-निर्देशन प्रस्तावित करेगा।

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