किसानों को रुला रहा सफेद सोना, पहले गुलाबी सुंडी और अब भाव ने तोड़ी किसानो की कमर, बिना चुगे खड़ी फसल पर चला रहे किसान रोटावेटर

मौसम और गुलाबी सुंडी की मार के कारण नरमे का उत्पादन में भी कमी हो रही है। भाव की कमी और गुलाबी सुंडी की मार से किसानों को और भी परेशान कर रहा है।

किसानों को रुला रहा सफेद सोना, पहले गुलाबी सुंडी और अब भाव ने तोड़ी किसानो की कमर, बिना चुगे खड़ी फसल पर चला रहे किसान रोटावेटर
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किसानों को रुला रहा सफेद सोना, पहले गुलाबी सुंडी और अब भाव ने तोड़ी किसानो की कमर, बिना चुगे खड़ी फसल पर चला रहे किसान रोटावेटर

किसानों के लिए नरमा के भाव में आए दिन कमी हो रही है। पिछले सीजन की तुलना में, जो नरमा चार से सात हजार रुपए के बीच बिक रहा है, वह किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है। इसमें मौसम और सुंडी की मार का भी असर है।

सफेद सोने की बढ़ती कमी

नरमा की बाजार में गिरावट के साथ-साथ, सफेद सोने की दरों में भी कमी हो रही है। इससे किसानों के लिए आर्थिक मुद्दे बढ़ गए हैं और उनकी आंखों में नमी है।

नरमा की खरीद में कमी

नई धानमंडी में इस सीजन में नरमा की खरीद में भी कमी हो रही है। पिछले साल की तुलना में, इस बार केवल 60 हजार क्विंटल नरमा ही बेचा गया है। यह काफी कम है और किसानों को और भी मुश्किलें पैदा कर रहा है।

मौसम और सुंडी का प्रभाव

मौसम और गुलाबी सुंडी की मार के कारण नरमे का उत्पादन में भी कमी हो रही है। भाव की कमी और गुलाबी सुंडी की मार से किसानों को और भी परेशान कर रहा है।

नरमा के बाजार में भाव

किसान आगामी फसल की बुवाई के लिए नरमा की खड़ी फसल पर रोटावेटर मरवा रहे हैं कई किसानों को तो नरमा चुगने के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे। वहीं मजदूर का कहना है कि उन्हें गुलाबी सुंडी से खराब हुआ नरमा चुगने पर पूरी मजदूरी नहीं मिल रही है नरमा के बाजार में बदलाव के साथ, नए दामों में भी कमी हो रही है। श्रमिकों की कमी और गुणवत्ता में कमी के कारण, नरमा का भाव सात हजार से अधिक नहीं गया है।

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