किसकी नजर पड़ी सफेद सोने की खान पर? बारिश की कमी से फसलों पर मंडराया संकट

किसनों ने बताया कपास की खेती कुदरती खेती है, और इसके लिए बारिश की महत्वपूर्ण है। अब तक बारिश नहीं होने के कारण उनकी फसलें खराब हो रही हैं।

किसकी नजर पड़ी सफेद सोने की खान पर? बारिश की कमी से फसलों पर मंडराया संकट
X

खेत खजाना मध्यप्रदेश: भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है कपास की खेती। खरगोन जिले में कपास की उन्नत खेती का सबसे अधिक उत्पादन होता है, जिसे सफेद सोना भी कहा जाता है। लेकिन इस साल किसानों के लिए बड़ा संकट है, क्योंकि खरगोन जिले में बारिश की कमी से उनकी फसलें खतरे में हैं।

बारिश की कमी का असर

पिछले 20 से 25 दिनों से खरगोन जिले में बारिश की कमी के कारण किसानों को बड़ी चिंता है। गर्मी के चलते जमीन की नमी खत्म हो गई है और फसलें सूख गई हैं। जो किसान बारिश पर ही निर्भर हैं, उनकी फसलें चौपट होने की स्थिति में हैं। बारिश के बिना, कपास की खेती असम्भव है, और इसके परिणामस्वरूप किसानों को अपनी फसलों को खोने का खतरा है।

किसानों की समस्याएं

किसनों ने बताया कपास की खेती कुदरती खेती है, और इसके लिए बारिश की महत्वपूर्ण है। अब तक बारिश नहीं होने के कारण उनकी फसलें खराब हो रही हैं। इसके अलावा, फसल लगाने में जो लागत आई थी, वो भी निकालना मुश्किल है। जिन किसानों ने ड्रिप आईरिगेशन का उपयोग किया है, उनकी स्थिति थोड़ी ठीक है, लेकिन बारिश पर निर्भर रहने वाले किसानों के लिए यह संकटकाल है।

बीमारियों का असर

फसलों को बारिश की कमी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इनमें सफेद मकड़ी और इल्लियां शामिल हैं, जो पौधों को खा रही हैं। धूप और उमस के साथ ये बीमारियां फसलों को प्रभावित कर रही हैं, और वैकल्पिक सिंचाई से भी ये नहीं दूर हो रही हैं।

निराश किसान

किसान कहते हैं कि उन्होंने कपास की बुआई की है, लेकिन बारिश की कमी के कारण उनकी फसलों का विकास रुक गया है। इसके बाद, उन्होंने कई बीमारियों का सामना किया है, जिससे उनकी कपास की फसलों को हानि हुई है।

Tags:
Next Story
Share it