यूपी में गेहूं के भावों में गिरावट क्यों? जानिए गेहूं के रेट
यूपी में गेहूं के भावों में 2023 में गिरावट के बारे में जानकारी और उनका पूर्वानुमान जानने के लिए इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे। यहां हम उत्तर प्रदेश की मुख्य मंडियों में गेहूं के वर्तमान भाव, कारण, और भावों में बदलाव के बारे में चर्चा करेंगे।
यूपी में गेहूं के वर्तमान भाव:
नीचे दिए गए तालिके में यूपी की प्रमुख मंडियों में गेहूं के वर्तमान भाव दिए गए हैं:
मंडी | गेहूं का भाव (रुपये/क्विंटल) |
मेरठ | 2310/- |
मुरादाबाद | 2320/- |
फतेहपुर | 2310/- |
मथुरा | 2310/- |
हमीरपुर | 2320/- |
देवरिया | 2360/- |
जालौन | 2290/- |
कानपुर | 2340/- |
उन्नाव | 2310/- |
आजमगढ़ | 2370/- |
अलीगढ़ | 2350/- |
गाजीपुर | 2360/- |
गोरखपुर | 2370/- |
मैनपुरी | 2230/- |
गौंडा | 2380/- |
झांसी | 2390/- |
किसानों के लिए समस्याएँ:
गेहूं के भावों में कमजोरी के कई कारण हैं।
1. महगाई नियंत्रण: सरकार द्वारा महगाई नियंत्रण और MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) पर खरीद की कमी के कारण, किसानों को गेहूं बेचने में मुश्किल हो रही है।
2. मौसम परिवर्तन: कई राज्यों में मौसम परिवर्तन के कारण गेहूं की फसल की क्वालिटी बिगड़ी है, जिससे बाजार में पिछले साल की तुलना में नई फसल को अच्छे भाव नहीं मिल रहे हैं।
गेहूं के भावों की आगामी प्रक्षिप्ति:
गेहूं के भावों में तेजी आने की आशंका है। इसमें निम्नलिखित कारणों का भी प्रभाव हो सकता है:
1. घरेलू मांग की बढ़ोतरी: गेहूं की घरेलू मांग में वृद्धि के कारण, भावों में सुधार हो सकता है।
2. विदेशी निर्यात: गेहूं का विदेशी निर्यात होने पर भी भावों में वृद्धि की संभावना है, जो निवेशकों के लिए अच्छा संकेत हो सकता है।
3. मस्तिष्क विकास: किसानों के लिए गेहूं के खेतों में मस्तिष्क विकास की तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन में वृद्धि की जा रही है, जिससे उत्पादकों को अधिक मुनाफा हो सकता है।
गेहूं की महत्त्वपूर्ण तथ्य:
यूपी में गेहूं का उत्पादन वर्ष 2023 में लगभग 98.42 लाख हेक्टेयर में किया जाता है, और उसका वितरण बड़े पैमाने पर होता है। इस वर्ष के उत्पादन का आकलन लगभग 378.92 लाख मीट्रिक टन है।
यूपी में गेहूं के भाव 2023 में कुछ कमजोर हो रहे हैं, लेकिन आगामी दिनों में इनमें सुधार की संभावना है। किसानों को महगाई नियंत्रण, MSP, और मौसम परिवर्तन के प्रभाव के साथ संबोधित करने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें बेहतर मूल्य मिल सके। इसके साथ ही, किसानों को नवाचारिक तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन में वृद्धि करने का भी विचार करना चाहिए।