50% सब्सिडी के साथ इस किसान ने शुरू की थी अमरूद की बागवानी, आज काम रहा सालाना 8 लाख रुपये, सिर्फ थोड़ी लागत में हो रही मोटी कमाई

कम निवेश में भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसे देखते हुए सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है, और इसमें 50% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।

50% सब्सिडी के साथ इस किसान ने शुरू की थी अमरूद की बागवानी, आज काम रहा सालाना 8 लाख रुपये, सिर्फ थोड़ी लागत में हो रही मोटी  कमाई
X

50% सब्सिडी के साथ इस किसान ने शुरू की थी अमरूद की बागवानी, आज काम रहा सालाना 8 लाख रुपये, सिर्फ थोड़ी लागत में हो रही मोटी कमाई


आजकल की बदलती मौसम परिस्थितियों में, खेती का ट्रेंड भी बदल चुका है। युवा पीढ़ी अब पारंपरिक धान और गेहूं की खेती को पीछे छोड़कर बागवानी की ओर बढ़ रही है। अमरूद की बागवानी एक ऐसा विकल्प है जिसमें कम निवेश में भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसे देखते हुए सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है, और इसमें 50% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।




राहुल फतेहपुरी: एक सफल किसान की कहानी

गया जिले के फतेहपुर गांव के रहने वाले राहुल फतेहपुरी ने पारंपरिक खेती को छोड़कर तकनीक और नवाचार से भरपूर अमरूद की खेती करके लाखों रुपयों की आमदनी कमाई है। उन्होंने 4 बीघा में 500 से अधिक अमरूद के पौधे लगाए हैं और एक पेड़ से 1-2 हजार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं। सालाना उन्हें लगभग 7-8 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।

निवेश की मान्यता और सरकार की सहायता

अमरूद की बागवानी में कम लागत में बड़ा मुनाफा कमाने का संभावना होने के कारण, सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है। सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली 50% सब्सिडी निवेश को और भी आकर्षक बनाती है। इससे किसान अपने माध्यम से कमाई को बढ़ा सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं।

अमरूद की बागवानी: भविष्य की दिशा

बदलते मौसम के कारण और जरूरतों के मुताबिक, किसानों को अपने खेती के प्रति समर्पण में बदलाव करने की आवश्यकता है। अमरूद की बागवानी एक ऐसा विकल्प है जो मानसिकता में परिवर्तन लाने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी लाभकारी हो सकता है। राहुल फतेहपुरी पारंपरिक खेती को छोड़ तकनीक और इनोवेशन से अमरूद की खेती कर लाखों रुपयों की आमदनी कर रहे हैं. इन्होंने 4 बीघा में 500 से अधिक अमरूद का पौधा लगाए हैं. एक पेड़ से उनको 1-2 हजार रुपये तक की कमाई होती है.सलाना लगभग 7-8 लाख रुपए की आमदनी हो जाती हैं.

Tags:
Next Story
Share it