कब तक पिसता रहेगा किसान? इनकी भी सुन ले सरकार, मजबूर है ये अपनी फसलों को फैंकने के लिए

Update: 2023-04-22 09:54 GMT

कब तक पिसता रहेगा किसान, इनकी भी सुन ले सरकार, मजबूर है ये अपनी फसलों को फैंकने के लिए

खेत खजाना: हरियाणा के चरखी दादरी जिले में किसान टमाटर की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं. बीते दिन हुए बारिश-ओलावृष्टि का नुकसान किसान अभी तक झेल रहे हैं. अब टमाटर पर सही कीमत ना मिलने से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. मजबूरन किसान को अपनी उपज फेंकनी पड़ रही है.

टमाटर की खेती करने वाले किसानों का इस साल बुरा हाल है. बाजार में किसानों को अब अपनी उपज पर खरीदार भी मिलने बंद हो गए हैं. ओलावृष्टि के बाद अब टमाटर के रेट में गिरावट ने किसानों के मुनाफा कमाने के अरमानों पर पानी फेर दिया है. रेट इतना गिर चुका है कि किसान लागत तक नहीं निकाल पा रहा है. ऐसे में किसानों को मजबूरन अपनी फसल फेंकनी पड़ रही है.

किसानों पर पड़ी दोहरी मार

हरियाणा के चरखी दादरी क्षेत्र में किसान टमाटर की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं. बीते दिन हुए बारिश-ओलावृष्टि का नुकसान किसान अभी तक झेल रहे हैं. ओलावृष्टि के कारण टमाटर की गुणवत्ता में काफी कमी आई है. अब टमाटर पर सही कीमत ना मिलने से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. ऐसे में किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

सिर्फ 4 रुपये प्रति किलो में बिक रहा टमाटर

टमाटर उत्पादक किसानों के मुताबिक टमाटर की फसल लगाने के लिए प्रति एकड़ करीब 30 हजार रुपये की लागत आई है. मार्केट में उन्हें प्रति किलो सिर्फ 4 रुपये मिल रहे हैं. कई बार तो मंडी में उनका टमाटर खरीदा भी नहीं जाता है. ऐसे में किसान सड़क पर टमाटर फेंकने को मजबूर हैं. किसानों ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द गिरदावरी करवाकर टमाटर उत्पादक किसानों को उचित मुआवजा दें.

प्रशासन ने क्या कहा?

कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि के कारण टमाटर की खेती पर भी व्यापक असर पड़ा है. कीड़े के प्रकोप के चलते भी इसके उत्पादन में कमी आई है. हालांकि, कृषि विभाग द्वारा फसल खराब होने की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है.

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