धान की खेती कैसे करें ? जाने कृषि विज्ञानिकों की राय, समय पर रोपाई से मिलेगा डबल फायदा

Update: 2024-04-27 06:44 GMT

धान की खेती कैसे करें ? जाने कृषि विज्ञानिकों की राय, समय पर रोपाई से मिलेगा डबल फायदा

खेत खजाना : गेहूं का कटाई का सीजन खत्म हो गया है ऐसे में अब समय आ गया है धान की खेती की ओर ध्यान देने वाला जून के मध्य में धान की रोपाई पद्दती शुरू होने वाली है और किसान भाईयों के लिए यह समय बहुत लाभकारी व महत्वपूर्ण है। धान की अच्छी फसल के लिए पौध की तैयारी में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जो की इस प्रकार है ।

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के प्रभारी, डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, धान की लंबी अवधि वाली किस्मों की पौध को 15 से 20 मई के बीच तैयार कर लेना चाहिए। वहीं, महीन किस्मों की पौध की बुवाई में अभी कुछ समय है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसान उच्च कोटि की किस्मों का चयन करते हैं और बीज तथा मिट्टी का उचित शोधन करते हैं, तो फसल कीट-रहित रहेगी और उत्पादन भी बेहतर होगा।

पौध तैयारी की विधि

पौध तैयार करने के लिए खेत को अच्छी तरह से जोतें और मिट्टी को भुरभुरा करें। प्रति एकड़ 2 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करके मिट्टी का शोधन करें। इसके बाद, एक मीटर चौड़ी क्यारियां बनाएं और उनकी लंबाई अपनी सुविधानुसार रखें। इस प्रक्रिया से पानी की खपत कम होगी और खरपतवार प्रबंधन भी सरल होगा।

धान की नर्सरी के लिए बीज की मात्रा

धान की नर्सरी के लिए बीज की सही मात्रा का चयन करना आवश्यक है। 15 बीघा धान की रोपाई के लिए एक बीघा में बीज बोएं। एक हेक्टेयर धान की रोपाई के लिए 20 से 25 किलो मोटे धान की पौध और 15 से 17 किलो महीन धान या संकर किस्म के बीज की आवश्यकता होती है।

बीज शोधन की प्रक्रिया

सर्टिफाइड कंपनी से बीज खरीदें और उसे पानी में भिगो दें। प्रति किलो बीज के लिए 2.5 ग्राम कारबेंडाजिम मिलाएं और 24 घंटे तक भिगोएं। अंकुरण होने पर, तैयार खेत में पानी छोड़कर बीज बिखेर दें।

इन सभी उपायों को अपनाकर, किसान भाई धान की खेती में बंपर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यह लेख उन्हें धान की खेती की ओर एक कदम आगे बढ़ाने में सहायक होगा।

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