बिना किसी खर्च और मजदूरी के बचा सकते हैं अपनी फसल, जंगली जानवरों से मिलेगा हमेशा के लिए छुटकारा, अपनाए 'कपड़ा लपेट विधि'

खेत की मेड़ों पर गेंदे के पौधे लगाएं और उन्हें चादर से ढंक दें। रोजाना गेंदे के पौधों की जाँच करें और चादर को सुनिश्चित करें कि वह ठीक से बंधा हुआ है।

Update: 2024-04-26 09:31 GMT

बिना किसी खर्च और मजदूरी के बचा सकते हैं अपनी फसल, जंगली जानवरों से मिलेगा हमेशा के लिए छुटकारा, अपनाए 'कपड़ा लपेट विधि' 

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Khetkhajana: नीलगायों के खेतों में आना एक बड़ी समस्या है जो किसानों को काफी परेशानी में डाल सकती है। इस समस्या को हल करने के लिए एक प्रभावी तकनीक है 'कपड़ा लपेट विधि'। यह तकनीक किसानों को अपनी फसलों को नीलगायों के आतंक से बचाने में मदद कर सकती है।

कपड़ा लपेट विधि क्या है?

'कपड़ा लपेट विधि' में, किसान अपने खेत की मेड़ों पर गेंदे के पौधे लगा सकते हैं। इसे लगाने से खेत के आसपास नीलगाय नहीं आते हैं क्योंकि गेंदे के पौधे रात में कपड़ा लपेटे मानव की आकृति की तरह दिखते हैं। ये पौधे 4-5 फीट तक लंबे हो जाते हैं, जिससे जानवरों को ऐसा लगता है कि मेड़ पर कोई बैठा है, और इसके कारण नीलगाय खेत में नहीं आती हैं।

कैसे करें कपड़ा लपेट विधि?

यहाँ कुछ सरल चरण हैं जिन्हें अपनाकर किसान 'कपड़ा लपेट विधि' का उपयोग कर सकते हैं

 खेत की मेड़ों पर गेंदे के पौधे लगाएं और उन्हें चादर से ढंक दें। रोजाना गेंदे के पौधों की जाँच करें और चादर को सुनिश्चित करें कि वह ठीक से बंधा हुआ है। गेंदे के पौधों को नियमित रूप से पानी दें और उनकी देखभाल करें ताकि वे अच्छे स्वास्थ्य में रहें।

फायदे

नीलगाय के आतंक से बचाव, फसलों की सुरक्षा में मदद, अधिक उत्पादकता और लाभ

अन्य उपाय

किसानों को 'कपड़ा लपेट विधि' के अलावा भी कई अन्य उपाय अपनाने चाहिए जैसे कि करौंदा, तुलसी, मेथा, और लेमन ग्रास के पौधों का उपयोग करना। इन पौधों की सुगंध से भी नीलगाय खेतों में नहीं आएगी, और इससे किसान अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं। इस प्रकार, 'कपड़ा लपेट विधि' एक प्रभावी और सस्ता तरीका है जिससे किसान अपनी फसलों को नीलगायों के आतंक से बचा सकते हैं। इसे अपनाकर, किसान अपने खेतों की सुरक्षा और उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं।

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