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ईमानदारी अभी जिंदा है, रास्ते में मिले पर्स को असली मालिक को लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की
Honesty is still alive, he set an example of honesty by returning the purse found on the road to its real owner
सिरसा, चोपटा। आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी कागदाना में योग सहायक बजरंग ने रास्ते में मिले पर्स को असली मालिक तक पहुंचा कर ईमानदारी का परिचय दिया है। बजरंग ने पर्स में रखें डॉक्यूमेंट के आधार पर व सोशल मीडिया के माध्यम से असली मालिक की पहचान की और पर्स लौटा दिया। ग्रामीणों ने बजरंग की ईमानदारी कि सराहना की है और कहा है कि ईमानदारी अभी जिंदा है।
जानकारी के अनुसार आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी कागदाना में कार्यरत योग सहायक बजरंग को कागदाना गांव के पास रास्ते में एक पर्स मिला। जिसमें ड्राइवर लाइसेंस, आरसी, दो बैंकों के एटीएम, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और रुपए थे बजरंग ने पर्स को खोलकर देखा तो देखा और आईडी के आधार पर उसमें संदीप पुत्र महेंद्र सिंह गांव जमाल के डॉक्यूमेंट थे। बजरंग ने अपने दोस्तों के माध्यम से जमाल के सोशल मीडिया ग्रुप में पर्स मिलने की सूचना दी।
तो पर्स का असली मालिक संदीप पुत्र महेंद्र सिंह गांव जमाल तक पहुंची और उन्होंने बजरंग से संपर्क किया संदीप ने बताया कि वह गांव कागदाना में खाद बीज लेने के लिए आया हुआ था और रास्ते में उसका पर्स गिर गया। बजरंग द्वारा संदीप को सुरक्षित पर्स वापस लौटाने पर संदीप कुमार सहित कई ग्रामीणों ने सराहना की है । और कहा है कि अभी भी ईमानदारी जिंदा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ पवन शर्मा का कहना है कि योग सहायक बजरंग ने पर्स लौटा कर ईमानदारी की मिसाल पेश की है।