BRICS : क्या डॉलर का घटेगा दबदबा? BRICS ने कैसे बढ़ाई ट्रंप की टेंशन; अमेरिका की चेतावनी कितनी गंभीर?
BRICS देशों द्वारा वैकल्पिक करेंसी बनाने की कोशिश पर ट्रंप की चेतावनी। जानिए डॉलर के दबदबे पर इसका क्या असर होगा और ट्रंप की धमकी कितनी गंभीर है।

BRICS: नई दिल्ली, 02 फरवरी 2025 – अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन समेत तमाम देशों को लगातार निशाना बना रहे हैं। ट्रंप ने एक बार फिर भारत समेत सभी BRICS देशों को चेतावनी दी है कि अगर अमेरिकी डॉलर की जगह किसी वैकल्पिक करेंसी में लेन-देन करने की कोशिश की तो उन पर 100 प्रतिशत का टैक्स लगेगा। ऐसा करने वाले अमेरिकी बाजार से बाहर हो जाएंगे।
ट्रंप की चेतावनी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “अगर BRICS देशों ने डॉलर की जगह कोई वैकल्पिक करेंसी बनाने की कोशिश की तो उन्हें 100 फीसदी तक टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा करने वाले अमेरिकी बाजार से भी बाहर हो जाएंगे। फिर वे किसी दूसरे बेवकूफ देश को ढूंढ सकते हैं। अब मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगा कि कोई देश डॉलर को कमजोर करने की कोशिश करे।”
विदेश मंत्री का बयान
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत अमेरिकी डॉलर को बदलने का समर्थन नहीं करता। न ही इसके पक्ष में है। भारत केवल अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए वैकल्पिक उपाय तलाश रहा है।
BRICS कितना ताकतवर है?
BRICS यानी ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका। हालांकि, अब इस समूह में मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और यूएई भी शामिल हो गए हैं। साल 2024 में हुए BRICS सम्मेलन में 13 अन्य देश भी इसमें अस्थायी सदस्य बन गए हैं।
BRICS देश क्या चाहते हैं?
BRICS देश डॉलर पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। साल 2023 की बात है। BRICS सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि अब हमें राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ाना चाहिए। साल 2024 में भी इसका समर्थन किया गया था।
डॉलर की ताकत
फेड रिजर्व की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 96 प्रतिशत, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 74 प्रतिशत और बाकी दुनिया में 79 प्रतिशत डॉलर का इस्तेमाल होता है। दुनिया का कुल 88 प्रतिशत व्यापार डॉलर में हो रहा है।
ट्रंप क्यों टेंशन में?
दरअसल, साल 2023 के पहले तक 100 फीसदी तेल व्यापार डॉलर में होता था, लेकिन अब यह घटकर 80 प्रतिशत रह गया है। तेल व्यापार में डॉलर घटकर 80 प्रतिशत होने की वजह है- चीन और रूस पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध। अमेरिकी प्रतिबंध के चलते दोनों देश अपनी मुद्रा में भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार कर रहे हैं। दोनों देश BRICS का हिस्सा हैं। यही वजह है कि BRICS की अपनी करेंसी हो, इसकी परिकल्पना की जा रही है ताकि अमेरिका पर दबाव पड़े।
ट्रंप की धमकी कितनी गंभीर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ का वादा कर सत्ता में लौटे हैं। ऐसे में ट्रंप डॉलर की ताकत बरकरार रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाकर वे इसकी शुरुआत कर रहे हैं।