Faridabad to Noida Airport : फरीदाबाद से सीधे होगी नोएडा एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी, इस सड़क को किया जाएगा चकाचक
फरीदाबाद से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए मोहना पुल और उससे जुड़ी सड़क का सुधार किया जाएगा। जानिए इस परियोजना के बारे में विस्तार से।
Faridabad to Noida Airport : फरीदाबाद से सीधे होगी नोएडा एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी, इस सड़क को किया जाएगा चकाचक
फरीदाबाद, 15 जनवरी 2025 फरीदाबाद से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से मोहना पुल और उससे जुड़ी लगभग 2.90 किलोमीटर की सड़क का सुधार शामिल है। यह सुधार योजना यातायात को सुगम बनाने और यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई गई है।
मोहना पुल का महत्व
मोहना पुल का निर्माण 2002 में किया गया था और यह उत्तर प्रदेश से कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण है। पुल के नीचे जितने भी पिलर हैं, उन सभी पर बेयरिंग लगे हुए हैं। यह पुल फरीदाबाद और नोएडा के बीच यातायात को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
सड़क की वर्तमान स्थिति
मोहना पुल से जुड़ी सड़क की हालत वर्तमान में काफी जर्जर है। जगह-जगह टूट-फूट होने के कारण हजारों वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। इस समस्या को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने सड़क को दुरुस्त करने की योजना तैयार की है।
सुधार कार्य की योजना
मोहना बस स्टैंड से लेकर पुल के आगे आधा किलोमीटर तक सड़क बनाई जाएगी। इस परियोजना का बजट लगभग पौने तीन करोड़ रुपये आंका गया है और बजट स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दिया गया है। इस सड़क पर विशेष परत डाली जाएगी जिससे वाहन चालकों को राहत मिलेगी।
पंटून पुल की जगह पक्का पुल
2002 से पहले मोहना गांव में पंटून पुल था जिसे मानसून में हटाना पड़ता था। 2002 में पक्का पुल बनकर तैयार हुआ और अब यातायात का अत्यधिक दबाव झेल रहा है। इस पुल से होकर यातायात जेवर की ओर जाता है, जहां नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है।
यातायात का दबाव
मोहना पुल और उससे जुड़ी सड़क पर यातायात का अत्यधिक दबाव है। 35 से अधिक गांवों के हजारों लोग इस पुल से आवागमन करते हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से लिंक होकर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे भी बन रहा है, जो सीधे एयरपोर्ट तक जाएगा। लेकिन मोहना पुल की सड़क भी एयरपोर्ट से सीधे कनेक्ट है।
पुल के बेरिंग बदले जाएंगे
मोहना पुल के बेयरिंग बदलने की योजना भी बनाई गई है ताकि यातायात के दबाव को झेल सकें। पुल के नीचे जितने भी पिलर हैं, उन सभी पर नए बेयरिंग लगाए जाएंगे, जिससे आने वाले 15 से 20 साल तक किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।