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पंचायतें हुईं पावरफुल ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व जिप को मिला 50 विकास कार्यों का अधिकार

5 करम तक की ग्रामीण सड़कों की मरम्मत, इनडोर जिम, ई-लाइब्रेरी, चौपाल का निर्माण करा सकेंगी पंचायतें

अब तक ग्राम पंचायतें 21, पंचायत समितियां 9 और जिला परिषद 13 तरह के विकास कार्य करा सकती थीं

हरियाणा सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारों को बढ़ाने का बड़ा कदम उठाया है। अब तक ग्राम पंचायतें, पंचायत समितियां और जिला परिषदें अपने-अपने दायरे में सीमित थीं। लेकिन अब विकास एवं पंचायत विभाग ने इन सभी के लिए 50 कार्यों की एक साझा श्रेणी बना दी है। यह बदलाव न केवल विकास कार्यों की गति बढ़ाएगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नए आयाम भी खोलेगा।

प्रदेश में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के अधिकारों का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब तक ग्राम पंचायत के पास 21, पंचायत समिति के पास 9 और जिला परिषद के पास 13 प्रकार के अलग-अलग कार्य कराने का अधिकार था। अब विकास एवं पंचायत विभाग ने तीनों के लिए 50 कार्यों की एक श्रेणी बना दी है। यानी अब ये 50 काम अपने व सरकार से मिले फंड से करा सकेंगे। इससे गांवों में विकास कार्य रफ्तार पकड़ेंगे। अब तीनों में से कोई भी संस्था यह 50 विकास कार्य करा सकेंगी।

अभी तक विकास कार्यों की तीनों संस्थाओं की अलग-अलग श्रेणी थी। ऐसे में कई बार फंड होने के बावजूद भी दूसरी श्रेणी या दूसरे संस्थान के दायरे मैं आने वाले कार्य नहीं करा पा रहे थे। अब ऐसी परेशानी नहीं होगी। अब ग्राम पंचायतें भी अपने फंड से पीएचसी-सब सेंटर की रिपेयर से लेकर पार्क के रख- रखाव, 5 करम तक की ग्रामीण सड़कों की मरम्मत, इंडोर जिम, ई-लाइब्रेरी, चौपालों का निर्माण और ग्रामीण खेल स्टेडियम का रख-रखाव जैसे बड़े काम करा सकेंगी। अब तक ग्राम पंचायतें 21-21 लाख रुपए तक के सिर्फ 21 प्रकार के काम करा सकती थी, लेकिन अब 50 प्रकार के कार्य करा सकेंगी।

अब तक इन 21 कार्यों तक सीमित थी ग्राम पंचायतें

• गलियों, सड़क किनारे नाली निर्माण गौ घाटों का निर्माण स्वागत द्वार निर्माण • गलियों, नालियों व पुलिया की मरम्मत • ग्राम सचिवालयों की मरम्मत व रखरखाव • पेयजल सप्लाई का रखरखाव शिव धामों का रखरखाव चौपालों की मरम्मत तालाबों का रखरखाव तालाबों से पानी कीचड़  निकालना सॉलिड वेस्ट, कचरा उठाकर निस्तारण ड्रेन सफाई सार्वजनिक शौचालयों की मरम्मत, रखरखाव गलियों की सफाई सरकारी संपत्तियों की मरम्मत स्ट्रीट लाइट संचालन, मरम्मत फिरनी का रखरखाव जर्जर भवन गिराने सीसीटीवी कैमरे लगाने व सरकारी स्कूलों के कार्य की पावर थी।

ये नए काम करा सकेंगी ग्राम पंचायतें 

• पार्क कम योगशाला का रखरखाव गोबर्धन प्रोजेक्ट या बायोगैस प्लांट का संचालन • वाटर ट्रीटमेंट और ग्रे-वाटर मैनेजमेंट पार्क रखरखाव पौधरोपण अभियान लिक्विड वेस्ट प्रोजेक्ट संचालन एवं रखरखाव • सड़क संकेतक या स्ट्रीट फर्नीचर लगाना • स्मारक का निर्माण नए जुड़े हैं पार्क का निर्माण पीएचसी व सब सेंटर की रिपेयर • आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण व रखरखाव • 5 करम तक की ग्रामीण सड़कों की मरम्मत • गांवों में स्ट्रीट लाइट ई-लाइब्रेरी महिला शक्ति केंद्र इंडोर जिम बस क्यू शेल्टर का निर्माण व रखरखाव स्कूल प्रबंधन समितियां प्राथमिक माध्यमिक स्कूलों की मरम्मत चौपालों का निर्माण ढाई एकड़ तक के तालाब का विकास ग्रामीण खेल स्टेडियम का रख-रखाव नालों व नालियों को ढकना खेत या गांवों तक जाने वाले रास्तों का निर्माण पुलिया, आरसीसी पाइपलाइन सीवर लाइन बिछाने शिवधाम कार्य सॉलिड व लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का रखरखाव व नया सिस्टम बनाने पार्क कम योगशाला का निर्माण ई-लाइब्रेरी का निर्माण जिम का निर्माण।

Subhash Hudda

सुभाष हुड्डा ने जताया आभार

पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि सुभाष हुड्डा ने इस निर्णय को क्रांतिकारी बताया। उनका मानना है कि सरकार के इस कदम से गांवों में विकास की गति तेज होगी। उन्होंने कहा, “गांवों में लंबे समय से जिन कार्यों की उपेक्षा हो रही थी, उन्हें अब प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।”

विकास कार्यों की अब एक ही श्रेणी बना दी गई है…
● विकास कार्यों की अलग-अलग श्रेणी होने से कई बार दिक्कत आती थी। किसी संस्थान के पास पैसा है, पर वह दूसरा काम नहीं कर सकती थी। अब एक श्रेणी बना दी गई है। – अमित अग्रवाल, कमिश्नर, विकास एवं पंचायती राज विभाग।

जिला परिषदों के पास अब तक ये 13 काम थे
पीएचसी रिपेयर, आंगनबाड़ी निर्माण एवं रखरखाव, पांच करम की सड़कों की रिपेयर, स्ट्रीट लाइट लगाना, ई-लाइब्रेरी, महिला शक्ति केंद्र व इंडोर जिम निर्माण था। बस क्यू शैल्टर निर्माण व रखरखाव, प्राथमिक-मिडिल स्कूल में रिपेयर, चौपाल निर्माण, ढाई एकड़ से छोटे तालाब का विकास, खेल स्टेडियम रखरखाव, नाले-नालियों को ढकना। खेत-गांव के रास्ते व पुलिया, आरसीसी पाइप लाइन बिछाने के काम थे।

पंचायत समितियों के पास सिर्फ ये 9 काम थे

पार्क कम योग शालाओं का रखरखाव, गोबर्धन प्रोजेक्ट का संचालन, वाटर ट्रीटमेंट, पार्क रखरखाव व पौधारोपण अभियान, लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट संचालन एवं रखरखाव, रोड संकेतक एवं स्ट्रीट फर्नीचर, स्मारक व पार्क निर्माण के काम का अधिकार था। इसके अलावा पंचायत समितियों द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसार वे काम जो ग्राम पंचायत के पास नहीं है, वे भी करा सकती थी।

 

 

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