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Haryana : महिला की झूठी शिकायत और पुलिस प्रताड़ना के कारण डॉक्टर ने निगला जहरीला पदार्थ, परिवार ने की कार्रवाई की मांग

Doctor swallowed poisonous substance due to false complaint of woman and police harassment, family demanded action

Haryana : हरियाणा के पलवल जिले में एक डॉक्टर ने जहर निगलकर आत्महत्या कर ली है, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतक डॉक्टर बिजेंद्र सिंह के परिवार का आरोप है कि महिला द्वारा लगाए गए झूठे छेड़छाड़ के आरोप और पुलिस की ओर से की गई उत्पीड़न के कारण उनकी जान चली गई। डॉक्टर के भाई ने इसे एक साजिश करार दिया है और पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की है।

मामला क्या था?
बिजेंद्र सिंह, जो कि पलवल के गांव अमरपुर में लगभग 20 वर्षों से अपना क्लीनिक चला रहे थे, 8 जनवरी 2024 को एक महिला द्वारा उनके खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाने के बाद गंभीर तनाव में थे। महिला ने पुलिस में शिकायत दी थी कि बिजेंद्र ने क्लीनिक में उसका शारीरिक शोषण किया था। महिला के आरोप के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन इसके कुछ समय बाद ही डॉक्टर ने जहर निगल लिया।

परिवार का आरोप: महिला ने ब्लैकमेल करने के लिए झूठी शिकायत की
डॉक्टर बिजेंद्र सिंह के भाई रविंद्र सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं। रविंद्र का कहना है कि महिला पहले भी बिजेंद्र पर इस तरह के आरोप लगा चुकी थी, लेकिन पैसे लेकर वह मामले को शांत कर देती थी। रविंद्र का आरोप है कि इस बार महिला ने पैसे ना मिलने पर बिजेंद्र को ब्लैकमेल करना शुरू किया और झूठे आरोपों का सहारा लिया। उन्होंने यह भी कहा कि महिला ने पहले भी दो बार बिजेंद्र को फंसाने की कोशिश की थी, जिसे उस समय रुपए देकर शांत किया गया था।

रविंद्र का कहना है, इस बार जब महिला को पैसे नहीं मिले, तो उसने अमरपुर पुलिस चौकी में छेड़छाड़ की शिकायत दी। यह सब बिजेंद्र ने मुझे बताया था। महिला लगातार उसे परेशान कर रही थी, और अब उसकी शिकायत के कारण भाई को मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा था। रविंद्र का यह भी कहना है कि इस पूरे मामले में पुलिस ने भी डॉक्टर को परेशान किया, और उनकी जांच में कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई।

जहर निगलने की घटना
रविंद्र सिंह ने यह भी बताया कि 8 जनवरी की शाम जब वह अपने भाई के क्लीनिक जा रहे थे, तो उन्हें सूचना मिली कि बिजेंद्र ने जहर निगल लिया है। रविंद्र का कहना है कि बिजेंद्र ने खुद उन्हें फोन करके यह सूचना दी थी। बिजेंद्र ने फोन पर बताया कि उसने जहरीला पदार्थ निगला है और पुलिस को भी इस बारे में जानकारी दी थी। रविंद्र के अनुसार, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बिजेंद्र का मोबाइल फोन और जेब से सल्फास की गोलियां ले लीं, लेकिन उसे अस्पताल ले जाने में देर कर दी। रविंद्र का आरोप है कि यदि पुलिस समय पर बिजेंद्र को अस्पताल लेकर जाती, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

परिवार ने पुलिस के खिलाफ की कार्रवाई की मांग
रविंद्र सिंह ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “पुलिस ने मेरे भाई को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया। उसके पास एक सुसाइड नोट भी था, लेकिन पुलिस ने उसे किसी से नहीं दिखाया। मुझे विश्वास है कि पुलिस की लापरवाही और महिला की झूठी शिकायत ने ही मेरे भाई की जान ली। हम पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।” रविंद्र ने इस मामले को लेकर पुलिस के खिलाफ लिखित शिकायत भी दी है और न्याय की उम्मीद जताई है।

आत्महत्या से पहले की कार्रवाई
चांदहट थाना प्रभारी सुंदरपाल ने इस मामले में अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि 8 जनवरी को उन्हें सूचना मिली थी कि डॉक्टर बिजेंद्र ने जहर निगल लिया है। सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच की और डॉक्टर को अस्पताल भेजने की व्यवस्था की। थाना प्रभारी के अनुसार, “हमने तुरंत गाड़ी का इंतजाम किया और डॉक्टर को अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टर को मृत घोषित कर दिया गया।”

सुंदरपाल का कहना था कि डॉक्टर के खिलाफ महिला की शिकायत में बताया गया था कि महिला अपने बच्चे के साथ क्लीनिक आई थी, और डॉक्टर ने उसे बेड पर लिटाकर उसके गुप्तांगों से छेड़छाड़ की। महिला के विरोध करने पर डॉक्टर ने उसे शांत कराने की कोशिश की, लेकिन महिला वहां से तेजी से निकल गई और उसने शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी।

पुलिस का जवाब गलत आरोप
थाना प्रभारी ने मृतक के भाई रविंद्र के आरोपों को गलत बताते हुए कहा, “हमने जितनी जल्दी हो सकी डॉक्टर को अस्पताल भेजा था। यह मामला गंभीर है, और हम आगे की कार्रवाई कर रहे हैं।” पुलिस ने यह भी कहा कि डॉक्टर के आत्महत्या करने के बाद उनकी जेब से एक सुसाइड नोट मिला था, लेकिन यह नोट फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है।

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