मनरेगा में भ्रष्टाचार की जांच शुरू, तीन मेट किए सस्पेंड, चार जेई के काम में अनियमितता मिली
विदेश गए लोगों के नाम पर जाब कार्ड बनाए, मस्ट्रोल में फर्जी हाजिरी दिखा हड़पे रुपये
दो गांव की ही आई है शिकायत, पूरी योजना की जांच में घोटाले की आशंका को मिला बल
कैथलः मनरेगा में गड़बड़ी की आशंका आखिर सच साबित हुई। शुरुआती जांच में गांव ककराला इनायत और ककहेड़ी में अनियमितता मिली हैं। गांव ककहेड़ी में दो ऐसे लोगों की मस्ट्रोल में हाजिरी लगाई गई है, जो विदेश में रहते हैं। उनके नाम से जाब कार्ड बना फर्जी हाजिरी दिखाकर रुपये हड़पे जा रहे हैं।
इस मामले में मनरेगा के मेट रणधीर सिंह, अनुज और सतपाल को निलंबित कर दिया गया है। सिंचाई विभाग के चार जेई के कार्यों में अनियमितताओं की आशंका जताई गई है। इनमें सरस्वती डिवीजन-3 के जेई सोनू, शुभम धीमान, सलिंद्र कुमार व मुनीष से नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। सीवन की खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी नेहा शर्मा ने सिंचाई विभाग की संबंधित डिवीजन को पत्र लिखा है।
साथ ही जांच शुरू कर दी गई है।
मंगलवार को जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद नवीन जिंदल के सामने मनरेगा में 11 माह में 18 करोड़ रुपये खर्च होने की रिपोर्ट पेश की गई थी। इस पर सांसद सहित डीसी प्रीति ने भी सवाल उठाए थे। गुहला के कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस और और पूंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा ने बैठक में बताया था कि मनरेगा में उन्होंने जांच की थी तो सामने आया था कि ऐसे लोगों के नाम से मस्ट्रोल में शामिल करके पैसे हड़पे जा रहे हैं, जो विदेश में हैं।
ककराला इनायत गांव से 40 से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम
मस्ट्रोल में चढ़ाए, जो विदेश गए हुए हैं। सरपंच और सचिव से रिपोर्ट मांगी गई है। यह सिंचाई विभाग का कन्वर्जेंस का काम था, लेकिन इसमें लेबर हमारे विभाग की ओर से उपलब्ध करवाई
जाती है। नेहा शर्मा, बीडीपीओ, सीवन।
कमलजीत कौर की तरफ से शिकायत मिली थी, जिसमें तत्काल बीडीपीओ कार्यालय को भेज दिया गया था। जो भी दोषी पाया गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बीडीपीओ रिपोर्ट के अनुसार चार जेई के नाम इस अनियमितता में आए हैं। दिग्विजय शर्मा, एक्सईएन