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Paddy Groth Method: धान की फसल में गोबर की खाद का उपयोग कब करें?

Paddy Groth Method: धान की फसल में गोबर की खाद का उपयोग कब करें?

पिछले कुछ सालों से किसान का रुझान जैविक और प्राकृतिक खेती की और बढ़ा है गोबर की खाद पौधों के लिए एक बहुत जरूरी टॉनिक है यह खाद न केवल मिट्टी की गुणवत्ता सुधरता है बल्कि फसलों को कीटों और रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करती है.

आईए जानते हैं धान की फसल में गोबर की खाद डालने के फायदे

गोबर की खाद में सभी तरह की आवश्यक सूक्ष्म तत्व पाए जाते हैं जो पौधों के विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं इस खाद के उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है जिससे मिट्टी की जलधारण क्षमता भी बढ़ जाती है. किसानों द्वारा खेतों में गोबर की खाद डालने से रासायनिक उर्वरकों को डालने की संभावना भी कम रहती है. यही नहीं मिट्टी में गोबर की खाद डालने से कार्बन की मात्रा में भी वृद्धि होती है जिससे भूमि का सुधार होता है.

कृषि वैज्ञानिक टक्कर डॉक्टर एन सी त्रिपाठी के अनुसार किसानों को गोबर की खाद डालते के लिए सही समय का चुनाव करना चाहिए और इसका काम और ज्यादा मात्रा में डालने का भी ध्यान रखना चाहिए.गोबर की खाद का उपयोग फसल लगाने के 15 से 20 दिन पहले करना चाहिए इस खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलने का समय मिल जाता है.

फसल लगाने के बाद गोबर की खाद का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे फसलों में रोग और किट बढ़ाने की संभावना बढ़ जाती है और उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ता है. किसान अगर धान की बुवाई से पहले खेत में गोबर की खाद डाल रहे हैं तो खाद डालने के बाद ही खेत में पानी भरकर पडलिंग करें जिसेसे उत्पादन बेहद जबरदस्त होगा.

 

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