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Paddy growth: पौधों की गर्दन तोड़ने वाला सबसे खतरनाक रोग, मौसम बदलने के साथ बढ़ रहा प्रकोप, समय रहते करें ये उपचार

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानो को समय रहते सचेत किया है क्योंकि बदलते मौसम के साथ इस रोग का प्रभाव भी अधिक हो जाता है।

Paddy growth: पौधों की गर्दन तोड़ने वाला सबसे खतरनाक रोग, मौसम बदलने के साथ बढ़ रहा प्रकोप, समय रहते करें ये उपचार

 

धान की फसल में तेजी से फैल रहा पत्ती मोड़क कीट धान के पौधों के लिए बहुत ही नुकसानदायक रोग है, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानो को समय रहते सचेत किया है क्योंकि बदलते मौसम के साथ इस रोग का प्रभाव भी अधिक हो जाता है।

धान की फसल में इस समय पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इसे पत्ती लपेटक, चितरी या सोरटी के नाम से भी जाना जाता है। यह कीट धान की पत्तियों को मोड़कर उनके हरे भाग (क्लोरोफिल) को खा जाता है, जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं और पत्तियां सूखकर मुरझा जाती हैं। इससे फसल की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन में भारी कमी आ सकती है।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के विभिन्न गांवों में इस कीट का व्यापक प्रकोप देखा गया है। कृषि विज्ञान केंद्र, सुकमा के वैज्ञानिकों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों को इस कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय बताए हैं।

पत्ती मोड़क कीट की पहचान

पत्ती मोड़क कीट की इल्ली अवस्था में फसल को नुकसान पहुंचाती है। इसकी इल्ली अपने लार से पत्तियों को चिपका देती है और अंदर रहकर पत्तियों के हरे भाग को खुरचकर खा जाती है। इस प्रक्रिया से पत्तियों पर सफेद धारियां बन जाती हैं, जो बाद में सूखकर मुरझा जाती हैं। इससे फसल की बढ़वार रुक जाती है और उत्पादन में कमी आ जाती है।

नियंत्रण के उपाय

किसान अपने खेतों और मेड़ों को खरपतवार मुक्त रखें। खरपतवार कीटों के लिए घर बन सकते हैं।
फसल में संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों का उपयोग करें ताकि पौधों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। खेतों में चिड़ियों के बैठने के लिए टी आकार की पक्षी मीनार लगाएं। पक्षी इन कीटों को खाकर फसल को बचा सकते हैं। रात में कीटों को आकर्षित करने के लिए खेतों में प्रकाश प्रपंच या लाइट ट्रैप लगाए। अंडे या इल्ली दिखने पर उन्हें इकट्ठा कर नष्ट करें और प्रभावित खेतों में रस्सी चलाए अगर बारिश रुक जाए और मौसम खुला हो, तो कोई एक कीटनाशक स्प्रे करें

आप कीटनाशक क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. को 1250 मि.ली. पानी मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं साथ ही कर्टाफ हाइड्रोक्लोराइड 50 एस.पी. इन कीटों के लिए बहुत प्रभावशाली है

अगर कीटनाशक का प्रभाव 15 दिनों में नजर न आए, तो दूसरी बार स्प्रे करें। कीटनाशक का उपयोग करते समय कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों से सलाह अवश्य लें। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे धान की फसल की नियमित रूप से निगरानी करें और कीटों के शुरुआती लक्षणों पर ही नियंत्रण के उपाय करें।

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