बारिश के कारण सात दिन की देरी, धान खरीद 1 अक्टूबर से
हरियाणा समेत 3 राज्यों में बासमती धान का रकबा 15% बढ़ा, पर फसल गिरने से 5% नुकसान माना
प्रदेश में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू की जाएगी। पहले यह 23 सितंबर से शुरू होनी थी। केंद्र ने हरियाणा को 23 सितंबर से धान खरीदने की इजाजत दे दी थी, लेकिन यह निर्णय फिर बदल दिया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की एसीएस डॉ. सुमिता मिश्रा का कहना है कि चूंकि अभी बारिश खत्म नहीं हुई है। ऐसे में 1 अक्टूबर से धान खरीद शुरू करने का फैसला लिया गया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने प्रदेश में 60 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है।
पहली बार प्रदेश के 11.82 लाख से अधिक किसानों ने 67 लाख एकड़ रकबे के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। पिछली बार खरीफ 2023 में 9.52 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था, यानी अबकी बार 1.30 लाख से ज्यादा किसान पंजीकरण के लिए आगे आए हैं। पिछले साल 70 फीसदी रकबे यानी 63.60 लाख एकड़ का पंजीकरण हुआ था। अबकी बार इसमें चार लाख एकड़ की बढ़ोतरी हुई है। इस बार 4 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 74 फीसदी रकबे का पंजीकरण हुआ है।
बासमती निर्यात संस्थान ने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बासमती धान के रकबे का सर्वे पूरा कर लिया है। पिछले साल से रकबा 15% बढ़ा है, लेकिन फसल गिरने से 5% नुकसान माना जा रहा है। हालांकि, रकबा अधिक होने से उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। सर्वे के अनुसार, पंजाब में 15 लाख हेक्टेयर, यूपी में 11 लाख हेक्टेयर व हरियाणा में 8 लाख हेक्टेयर रकबे में बासमती धान है। हरियाणा में बारिश के दौरान हवा चलने से बासमती की अगेती फसल में 3% तक नुकसान मिला है, जबकि पिछले साल 7% नुकसान पहुंचा था।
इसके अलावा यूपी में 5% व पंजाब में 4% तक नुकसान की संभावना है। बासमती निर्यात संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक रितेश ने बताया कि फसल गिरने से दाना कमजोर हो जाता है। जो पौधे नीचे दब जाते हैं, उनमें दाना भी नहीं बन पाता। इससे कटाई में दिक्कत होती है। फसल गिरने से कुछ नुकसान है, लेकिन उत्पादन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। हरियाणा में बासमती की पीबी 1509, पीबी 1692 व 1718 किस्में ज्यादा हैं।