Success Story: महिला किसानों तगड़ा नेटवर्क, एक से बढ़कर एक महिला ने खोज कमाई का जरिया, फॉर्मूलादेख आप भी॥
महिला किसानों का यह नेटवर्क न केवल आर्थिक सुरक्षा, बल्कि सामाजिक उत्थान की कुंजी भी बना है। मिलेट सिस्टर्स नेटवर्क ने खेती का चेहरा बदल दिया है और महिलाओं को सशक्त बना दिया है।

Success Story: महिला किसानों तगड़ा नेटवर्क, एक से बढ़कर एक महिला ने खोज कमाई का जरिया, फॉर्मूलादेख आप भी॥
Millet Sisters Network : नई दिल्ली, 21 जनवरी 2025 – महिला किसानों ने मिलकर ‘मिलेट सिस्टर्स नेटवर्क’ बनाकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। यह नेटवर्क मिलेट्स (बाजरा) की खेती के जरिये महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बना रहा है। इस सफलता की कहानी की शुरुआत आंध्र प्रदेश से सरस्वती मल्लुवलासा ने की थी।
ऐसे हुई शुरुआत
सरस्वती मल्लुवलासा ने महिलाओं से बातचीत के बाद ‘मिलेट सिस्टर्स नेटवर्क’ की नींव रखी। उन्होंने पाया कि मिलेट, बीज और पैसों पर पुरुषों का ज्यादा नियंत्रण होता है। सरकारी योजनाओं में भी महिलाओं को किसान के रूप में मान्यता नहीं मिलती। मल्लुवलासा और दूसरी महिलाएं घर-घर जाकर मिलेट्स के बारे में बात करने लगीं। इससे महिला किसानों को आय का एक जरिया और बेहतर पोषण मिला। साथ ही, पर्यावरण को भी फायदा हुआ।
15 राज्यों में फैला नेटवर्क
इस समस्या से निपटने के लिए मिलेट सिस्टर्स ने ‘मिलेट सीजन’ की शुरुआत की। यह खरीफ और रबी के बाद का एक छोटा खेती का चक्र होता है। इससे वे मौसम की मार से बच जाती हैं और कुपोषण से भी लड़ पाती हैं। आज यह नेटवर्क 15 राज्यों में फैल गया है जिसमें ओडिशा का ‘निर्माण’, डेक्कन डेवलपमेंट सोसाइटी और तेलंगाना का ‘पिलुपु’ जैसे संगठन शामिल हैं।

मिलेट अपनाने के लिए किया जागरूक
ये महिलाएं किसान संगठनों, खाद्य उत्सवों, कार्यशालाओं और सामुदायिक कार्यक्रमों के जरिये लोगों को जागरूक करती हैं। उन्हें पौष्टिक भोजन के अधिकार, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और स्थायी आजीविका के बारे में जानकारी देती हैं। उन्होंने सार्वजनिक खाद्य प्रणालियों में मिलेट को शामिल करने के लिए नीतिगत समर्थन भी हासिल किया है।

कॉर्पोरेट के दबदबे को चुनौती
मल्लुवलासा का कहना है कि आजकल जलवायु परिवर्तन पर ज्यादातर चर्चाएं ‘शहरी-केंद्रित’ होती हैं। ऐसे में उनका नेटवर्क विकेन्द्रीकृत ऐक्शन का एक मॉडल पेश करता है। वह कहती हैं, ‘पिछले 3-4 सालों में मिलेट बहुत आगे बढ़ा है। लेकिन, अब बड़ी कंपनियां इसका फायदा उठा रही हैं।’
