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पैडी ट्रांसप्लांटर से करे धान की रोपाई, कुछ ही घंटे निपटा लेंगे कई एकड़ खेत, वो भी बिना किसी मजदूर के

पैडी ट्रांसप्लांटर से करे धान की रोपाई, कुछ ही घंटे निपटा लेंगे कई एकड़ खेत, वो भी बिना किसी मजदूर के

 

 धान की रोपाई का सीजन चल रहा है, मानसून आने के कारण किसान अपने खेतों में धान की रोपाई में लग हुई है ऐसे में मजदूर का मिलना बहुत बड़ी समस्या बन गया है. माधुरी के न मिलने के कारण किसानों की फसल बुवाई भी लेट हो रही है इन्हीं परेशानी और समस्याओं से निजात पाने के लिए बाजार में ऐसे आधुनिक और नए कृषि यंत्र उपलब्ध हैं जिससे किसान कुछ ही घंटे में कई एकड़ धान रोपाई बिना किसी मजदूर के आसानी से कर सकते हैं

पैडी ट्रांसप्लांटऱ जो एक आधुनिक मशीन है जिससे आपको कई एकड़ में धान रोपाई बड़ी आसानी से कर सकते हैं धान रोपाई की अवधि 21 दिन की होती है इस समय में मजदूरों का मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए अगर आप पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान की रोपाई करते हैं तो सिर्फ एक से दो दिनों में बड़ी आसानी से धान के बुआई कर सकते हैं इतना ही नहीं इस मशीन से खेत में खरपतवार नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है और कीटों का प्रकोप भी काम हो जाता है

पैडी ट्रांसप्लांटर से कैसे करें धान रोपाई

नर्सरी बेड करें तैयार- धान की पौध तैयार करने के लिए सबसे पहले इसे पॉलिथीन से ढक दे. इसेसे अंदर गर्मी बनी रहती है जिससे पौध बहुत जल्दी तैयार होती है.

नर्सरी प्लेट ऐसे करें तैयार- नर्सरी प्लेट तैयार कर रहे हैं तो मिट्टी का भुरभुरा होना जरूरी है इसमें किसी प्रकार का कचरा या पत्थर ना हों. अब इसमें अंकुरित बीज डालें और इसे ढक दे

अंकुरित बीजों को लगाने का तरीका- अंकुरित बीजों को लगाने का तरीका सही होना चाहिए अगर आप पहली बार पौध तैयार कर रहे हैं तो किसी की राय भी ले सकते हैं

नर्सरी की उचित देखभाल- प्रतिदिन पौध नर्सरी की उचित देखभाल करें. नर्सरी को 5 से 20 दिनों के बीच तैयार कर ले. बीमारियों को रोकने का भी उचित प्रबंध आपको करना होगा

पैडी ट्रांसप्लास्टर से रोपाई किये जाने से लागत में कमी आती है, मजदूरों पर निर्भरता कम हो जाती है एवं कम अवधि 21 दिन की पौध रोपाई एवं कतार से कतार की दूरी एक सामान रहती है।

इस मशीन को आप 14 लाख 40,000 रुपए में घर ला सकते हैं इस पर सरकार द्वारा 5 लाख रूपये का अनुदान भी दिया जा रहा है इस मशीन से रोपाई करने पर प्रति एकड़ खर्च लगभग 3 हजार रुपये आता है, वहीं परंपरागत विधि से रोपाई में एक एकड़ में 8 हजार रुपये खर्च आता है।

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