गोरखपुर: एक जनवरी से लागू होगी ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री योगी Yogi Adityanath आदित्यनाथ ने दिए निर्देश
"मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में एक जनवरी 2025 से ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए। यह प्रणाली सरकारी कार्यों को तेज, पारदर्शी और पेपरलेस बनाएगी।"
गोरखपुर, 25 दिसंबर 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Yogi Adityanath ने गोरखपुर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक कामकाज को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि एक जनवरी 2025 से सभी सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जाए। इसमें ब्लॉक, तहसील, कलेक्ट्रेट, कमिश्नरी और प्राधिकरण कार्यालय शामिल हैं। यह कदम सरकार के कामकाज को तेज, पारदर्शी और पेपरलेस बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
क्या है ई-ऑफिस प्रणाली?
ई-ऑफिस प्रणाली, उत्तर प्रदेश सरकार के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है। इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने विकसित किया है। इस प्रणाली का उद्देश्य सरकारी कार्यों को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना है।
- पेपरलेस वर्किंग: सभी पत्रावलियां और पत्राचार अब डिजिटल माध्यम से होंगे।
- ऑनलाइन ट्रैकिंग: फाइलों की स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
- तेज प्रक्रिया: सभी फाइलें संबंधित अधिकारियों के पोर्टल पर अग्रसारित होंगी।
- प्रशिक्षण और तैयारियां: अधिकारियों और कर्मचारियों को पहले ही ई-ऑफिस प्रणाली पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश
मुख्यमंत्री ने सख्त हिदायत दी है कि किसी भी स्थिति में ऑफलाइन पत्रावलियां और पत्राचार स्वीकार नहीं किए जाएंगे। यह निर्देश गोरखपुर समेत पूरे राज्य में लागू होगा।
प्रमुख बिंदु:
कार्यालय का प्रकार | ई-ऑफिस लागू होने की तिथि |
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ब्लॉक कार्यालय | 1 जनवरी 2025 |
तहसील कार्यालय | 1 जनवरी 2025 |
कलेक्ट्रेट और मंडल मुख्यालय | 1 जनवरी 2025 |
गोरखपुर विकास प्राधिकरण की तैयारियां
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने भी ई-ऑफिस प्रणाली को अपनाने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है।
- प्रशिक्षण सत्र: पिछले सप्ताह मेसर्स एएम सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कर्मचारियों को ई-ऑफिस पर काम करने का प्रशिक्षण दिया गया।
- गो-लाइव: जीडीए के सचिव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि ई-ऑफिस की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है।
- पेपरलेस नामांतरण: अब सभी नामांतरण और अन्य कार्य डिजिटल माध्यम से होंगे।
ई-ऑफिस प्रणाली के लाभ
- समय की बचत: जनता और कर्मचारियों का समय बचेगा।
- पारदर्शिता: फाइलों की स्थिति का ऑनलाइन पता लगाना आसान होगा।
- तेज निस्तारण: फाइलों का निस्तारण निर्धारित समय में होगा।
- समीक्षा में सरलता: एक क्लिक पर फाइलों की समीक्षा की जा सकेगी।
सरकारी कार्यों में पारदर्शिता का नया युग
ई-ऑफिस प्रणाली से सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। जनता को अपनी फाइलों के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिलेगी, जिससे कामकाज में विश्वास बढ़ेगा।
ई-ऑफिस प्रणाली का सफल क्रियान्वयन गोरखपुर और उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय से जनता को सीधा लाभ मिलेगा और सरकारी कामकाज में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।