हरियाणा में ग्राम सचिवों के लिए बुरी खबर पंचायतों का चार्ज सरकार ले रही वापिस , फटाफट जाने पूरा मामला

हरियाणा में ग्राम सचिवों के लिए बुरी खबर पंचायतों का चार्ज सरकार ले रही वापिस , फटाफट जाने पूरा मामला
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हरियाणा सरकार ने हाल ही में ग्राम सचिवों के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्राम सचिवों से पंचायतों के लेखा-जोखा वापस लेने के निर्देश जारी किए हैं। इसके परिणामस्वरूप, अब खंड विकास और पंचायत अधिकारी (BDPO) इस कार्य की निगरानी करेंगे। यह घोषणा जनसंवाद के दौरान यमुनानगर में की गई थी।

सीएम ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है - मुख्यमंत्री आवास योजना। उन्होंने बताया कि राज्य के वे शहर जहाँ गरीब परिवारों के पास अपने मकान नहीं है, उन्हें प्लाट या फ्लैट की प्राप्ति के लिए सर्वेक्षण किया जाएगा। इस आवास योजना के तहत लगभग एक लाख परिवारों को लाभ पहुंचाया जाएगा।

सीएम ने यह भी बताया कि वे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को 50 हजार रुपए की तीसरी किस्त की अदायगी में असफल रहने वाले परिवारों के लिए 31 अगस्त तक समय दिया है। इस सारे प्रक्रिया से लगभग 15 हजार परिवारों को लाभ मिलेगा। उन्होंने इस योजना के लिए 898 करोड़ रुपये की धनराशि का भी उल्लेख किया, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवास के निर्माण का समर्थन किया जा सकेगा।

हरियाणा में 67649 आवास बनेंगे

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में कुल 67,649 मकानों का निर्माण होने की योजना बनाई गई है, जिनमें से पहले से ही 14,939 मकान बन चुके हैं। आगामी दिनों में 15,356 मकानों का निर्माण आरंभ होगा। इन मकानों के निर्माण के लिए 522 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थियों के खाते में जाएगी। शहरी क्षेत्र में 2.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता को तीन किस्तों में देने का प्रावधान भी किया गया है।

इसके साथ ही, 2138 पुराने मकानों के विस्तार के लिए 32 करोड़ रुपये की राशि भी प्रदान की गई है। मकानों के विस्तार के लिए भी 3 किस्तों में प्रत्येक किस्त में 1.50 लाख रुपये का भुगतान होगा।

CM ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में 29,440 मकानों का निर्माण करने की मंजूरी दी गई है, जिनमें से 26,318 मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है। इन मकानों के निर्माण के लिए 376 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में 1.38 लाख रुपये का भुगतान तीन किस्तों में लाभार्थियों के खाते में होगा। इससे निर्माण कार्यकर्ताओं को रोजगार का अवसर प्राप्त होता है और बिल्डिंग मटेरियल विक्रेताओं का व्यापार भी बढ़ता है।


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