30 हजार किसानों को मिलेंगे निजी नलकूप, मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन

। इस योजना के तहत ऐसे किसानों को 50 से 80 फीसदी तक अनुदान प्रदान किया जाएगा, जो अपने खेतों में 70 मीटर तक के छोटे नलकूपों का उपयोग करना चाहते हैं।

30 हजार किसानों को मिलेंगे निजी नलकूप, मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन
X

30 हजार किसानों को मिलेंगे निजी नलकूप, मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन

मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत, किसानों को सिंचाई व्यवस्था की नई उम्मीद मिलेगी। यह योजना उन किसानों के लिए तैयार की गई है, जो असिंचित क्षेत्रों में रहते हैं और उनके पास सिंचाई के लिए व्यवस्था नहीं है। इस योजना के तहत ऐसे किसानों को 50 से 80 फीसदी तक अनुदान प्रदान किया जाएगा, जो अपने खेतों में 70 मीटर तक के छोटे नलकूपों का उपयोग करना चाहते हैं।

अनुदान का मानक

इस योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के किसानों को 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के किसानों को 70 फीसदी और अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को 80 फीसदी अनुदान मिलेगा। यह योजना किसानों को उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार विभाजित अनुदान प्रदान करती है, ताकि सभी किसान इसका लाभ उठा सकें।

नलकूप लगाने के लिए योग्यता

इस योजना के तहत नलकूप लगाने के लिए निम्नलिखित योग्यता मानक निर्धारित की गई है:

किसान के पास कम से कम 0.40 एकड़ कृषि भूखंड होना चाहिए।

उनके खेत में पहले से कोई सिंचाई का सुविधा नहीं होनी चाहिए।

अधिकारियों द्वारा सर्वेक्षण

लघु जल संसाधन विभाग द्वारा किये जाने वाले सर्वेक्षण में, नलकूप लगाने के लिए उपयुक्त क्षेत्रों को चिह्नित किया जाएगा। ये क्षेत्र वे जगहें होंगी जहां सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं होगी और किसानों को सिंचाई व्यवस्था स्थापित करने के लिए सहायता की ज़रूरत होगी। इस सर्वेक्षण में किसानों के चयन को मानक रूप से ध्यान में रखा जाएगा और वे किसान जो असिंचित एवं सीमांत क्षेत्रों में खेती करते हैं, उन्हें विशेष अधिकार प्राप्त होंगे।

उपस्थिति दस्तावेज़

किसानों को अनुदान के लिए आवेदन करते समय उन्हें निम्नलिखित दस्तावेज़ उपस्थित करने की ज़रूरत होगी:

भू-धारकता प्रमाण पत्र-एलपीसी

उनके प्लॉट पर पहले से कोई बोरिंग नहीं होना

यह योजना किसानों को सिंचाई के लिए नई संभावनाएं प्रदान करेगी और उन्हें खेती में अधिक आत्मनिर्भर बनाएगी। सरकार के प्रयासों से किसानों को नलकूप लगाने में आसानी होगी और उन्हें बेहतर फसल उत्पादन का अवसर मिलेगा। इस योजना के माध्यम से सिंचाई की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

Tags:
Next Story
Share it