ग्रुप-सी के 32 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू, 5 को बंद होगा पोर्टल, यह मौका हाथ न जाए

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ग्रुप-सी के 32 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू, 5 को बंद होगा पोर्टल, यह मौका हाथ न जाए

खेत खजाना: हरियाणा में तृतीय श्रेणी यानी ग्रुप-सी के पदों के लिए अनिवार्य की गई कॉमन पात्रता परीक्षा (सीईटी) के बाद अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने तृतीय श्रेणी के 32 हजार पदों को भरने को तेज कर दिया है। ऑनलाइन पोर्टल 5 मई तक ही खुला रहेगा। मालूम हो, 7 लाख से अधिक युवाओं ने परीक्षा दी थी, उनमें से 3 लाख 57 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे। इन सभी को आवेदन करने का मौका दिया गया।

तृतीय श्रेणी के की प्रक्रिया पदों के लिए साढ़े तीन लाख से अधिक ने इसके लिए पास की थी कॉमन पात्रता परीक्षा

हालांकि सरकार के निर्देश के बाद आयोग ने यह पहले ही तय किया हुआ है कि एक पद पर तीन ही उम्मीदवारों को मौका मिलेगा। ऐसे में 32 हजार पदों के लिए आखिर में दावेदारों की कुल संख्या 96 हजार रह जाएगी। तृतीय श्रेणी पदों के लिए पोर्टल पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों में से 2 लाख 68 हजार ने सामाजिक-आर्थिक आधार पर पांच अतिरिक्त अंकों का दावा किया था। इसके तहत ऐसे युवाओं को पांच अंक मिलते हैं, जिनके परिवार में पहले कोई सरकारी रोजगार नहीं है, जिनके पिता की मौत हो चुकी है और वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

• जब ढाई लाख से भी अधिक युवाओं ने पांच अतिरिक्त अंकों के लिए खुद को योग्य बताकर क्लेम किया तो आयोग ने इसकी वेरिफिकेशन करवाने का निर्णय लिया। आयोग द्वारा करवाई गई वेरिफिकेशन में यह बात सामने आई कि 2 लाख 68 हजार में से लगभग एक लाख ही युवा इसके पात्र है ।

ग्रुप-सी के 32 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू, 5 को बंद होगा पोर्टल, यह मौका हाथ न जाए

दूसरे राज्यों के आवेदकों को भी 5 अतिरिक्त अंक

आयोग चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि 1.68 लाख उन युवाओं को भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका दिया है, जो अपने क्लेम को सिद्ध नहीं कर पाए। भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थी यदि साबित नहीं कर पाए कि सामाजिक आर्थिक आधार पर पांच अतिरिक्त अंक हासिल करने की उनकी दावेदारी उचित है तो उनकी मुसीबत बढ़ सकती है। वहीं दूसरी ओर, दूसरे राज्यों के रहने वाले आवेदकों को भी सामाजिक आर्थिक आधार के पांच अतिरिक्त अंकों का लाभ मिलेगा। अभी तक यह सुविधा केवल हरियाणा के लोगों को दी जा रही थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट का मानना है कि नौकरियों के मामले में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। ऐसे में आवेदक चाहे किसी भी प्रदेश उसे क्यों न हो। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही सरकार ने आयोग को इस बाबत लिखा हैं।

1 लाख 68 हजार संदिग्ध पाए गए हैं। हालांकि उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया से बाहर नहीं किया है। आयोग ने दावा करने वाले सभी 2 लाख 68 हजार आवेदकों को अपने क्लेम को वेरिफाई करवाने का नोटिस दिया था। नोटिस के बाद एक लाख युवा ही यह प्रमाणित करवाए पाए कि वे पांच अतिरिक्त अंकों के हकदार हैं। 1 लाख 68 हजार युवाओं के पास इससे जुड़े प्रमाण नहीं थे। इस स्थिति में आयोग के समक्ष सिर्फ दो ही विकल्प बचे थे। पहला यह कि पूरी प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाए और दूसरा यह कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के चार चरण होते हैं, जिनमें संदिग्ध प्रवृत्ति के 1.68 लाख युवाओं से दस्तावेज हासिल कर उनका वेरीफिकेशन किया जाए। यदि दस्तावेज गलत होंगे तो ऐसे युवाओं को नौकरी की प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।

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