सरकारी गाड़ी को किया निजी काम में उपयोग, तो तनख्वाह में से कटेंगे इतने रुपए करेंगे, प्रति किलोमीटर वसूले जाएंगे 6 रूपये

सरकारी गाड़ी को किया निजी काम में उपयोग, तो तनख्वाह में से कटेंगे इतने रुपए करेंगे, प्रति किलोमीटर वसूले जाएंगे 6 रूपये
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Khetkhajana

सरकारी गाड़ी को किया निजी काम में उपयोग, तो तनख्वाह में से कटेंगे इतने रुपए करेंगे, प्रति किलोमीटर वसूले जाएंगे 6 रूपये

सरकारी गाड़ी का निजी कार्यों में इस्तेमाल करने वाले अधिकारियों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भविष्य में अगर कोई अधिकारी सरकारी गाड़ी का निजी प्रयोग करता है तो उसके लिए अधिकारी को भुगतान करना होगा। सरकारी वाहन से निजी कार्यक्रमों या फिर घर से कार्यालय और वापसी के लिए एक हजार किलोमीटर तक के सफर की छूट रहेगी, लेकिन बदले में वेतन से हर महीने एक हजार रुपये उनके वेतन से काटे जाएंगे।इसके अलावा, अगर निजी कार्य के लिए गाड़ी एक हजार किलोमीटर से ज्यादा चली तो प्रति किलोमीटर

छह रुपये प्रति किमी की दर से करना होगा भुगतान

अगर कोई अधिकारी सरकारी दौरे के लिए अपने निजी वाहन का इस्तेमाल करता है तो उन्हें छह रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया जाएगा। इसी पूरी जानकारी लाग बुक में देनी होगी। गौर हो कि पहले से ही सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल को लेकर नियम हैं, लेकिन इनका पालन नहीं हो पा रहा है। सरकार के पास गाड़ियों के निजी कार्यक्रमों में प्रयोग किए जाने की शिकायत के बाद ही यह फैसला लिया गया है।

साथ का पालन करने का निर्देश दिया है। ही लॉगबुक में भी दर्ज कर सरकारी यात्रा खर्च की वसूली में मुख्यमंत्री वाहन का इस्तेमाल की जानकारी के मुख्य प्रधान सचिव से लेकर देनी होगी। इस संबंध में मंगलवार प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान को सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी सचिव, उप प्रधान सचिव और प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों ओएसडी तक को कोई रियायत नहीं और बोर्ड निगमों के प्रबंध निदेशकों, मिलेगी। हालांकि, जो अधिकारी मंडलायुक्त, उपायुक्त विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को कि वह निजी दौरों में सरकारी वाहन निर्देश जारी कर दिए हैं। हरियाणा का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उन्हें सरकार ने तत्काल प्रभाव से नियमों पूरा वेतन दिया जाएगा।और लिखित में सरकार को जानकारी देंगे

यह निर्देश भी किए जारी

घर से कार्यालय आने के लिए हजार किलोमीटर की अफसरों को मिलेगी छूट, हर माह करेंगे 1000 रुपये

■ प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और बोर्ड निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्त - डीसी विवि के रजिस्ट्रार को निर्देश जारी।

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