Success Story: भाई-बहन, पति-पत्नी, एक घर से दो-दो डिप्टी कलेक्टर बने, बड़ी कामयाबी

Success Story: भाई-बहन, पति-पत्नी, एक घर से दो-दो डिप्टी कलेक्टर बने, बड़ी कामयाबी
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Success Story: भाई-बहन, पति-पत्नी, एक घर से दो-दो डिप्टी कलेक्टर बने, बड़ी कामयाबी

Success Story News: सीजी-पीएससी ने गुरुवार देर रात राज्य सेवा परीक्षा 2021 के नतीजे घोषित कर दिए हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की रहने वाली 24 साल की प्रज्ञा नायक ने स्टेट टॉप किया है. वहीं प्रज्ञा के भाई प्रखर ने भी 20वीं रैंक हासिल की है. भाई-बहन के अलावा राजधानी रायपुर के रहने वाले शशांक गोयल और उनकी पत्नी भूमिका कटियार ने भी तीसरा और चौथा स्थान हासिल कर सफलता शानदार हासिल की है.

राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए यह परीक्षा 2022 में 26 से 28 मई तक हुई थी. राज्य के 21 सरकारी विभागों में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, राज्य वित्त सेवा और राजस्व सेवा जैसे 171 पदों के लिए 509 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था.

पहले दो नंबर से चूकीं थीं स्टेट टॉपर प्रज्ञा

रायपुर शहर के डीडी नगर क्षेत्र की रहने वाली प्रज्ञा के पिता महेश नायक डीपीआई में सहायक निदेशक हैं. उनके घर में पापा, चाचा के अलावा और भी कई रिश्तेदार सरकारी नौकरी में हैं. प्रज्ञा साल 2020 से तैयारी कर रही हैं. यह उनका दूसरा प्रयास था. पहले प्रयास में दो नंबर के प्री क्वालिफाई नहीं कर सके. इसके बाद उन्होंने तैयारी को अपना जुनून बना लिया. बंद कमरे में घंटों पढ़ाई करते, खुद के नोट्स तैयार करते. उत्तर की प्रस्तुति पर काम करें. सोशल मीडिया से दूरी और पारिवारिक कार्यक्रमों में घर में शामिल नहीं होने जैसी कुर्बानी का नतीजा आज पूरे प्रदेश के सामने है.

मायके से की तैयारी, ससुराल में रहकर दी परीक्षा

बिलासपुर में उप पंजीयक के पद पर तैनात रायपुर निवासी शशांक गोयल ने तीसरा और उनकी पत्नी भूमिका ने चौथा स्थान प्राप्त किया है. इस जोड़ी का चयन डिप्टी कलेक्टर पद के लिए हुआ है. भूमिका ने बताया कि मुझे मेरे माता-पिता और ससुराल दोनों का बहुत सपोर्ट मिला. मैंने मायके में रहकर तैयारी शुरू की और ससुराल आकर परीक्षा दी. यह मेरा दूसरा प्रयास था. पहले हम चर्चा करते थे, फिर सप्ताह की योजना बनाकर अध्ययन करते थे, हमें जो भी पढ़ाई में समझ आता था, एक दूसरे से डिस्कस करते थे. एक तरह से पति-पत्नी से सेल्फ स्टडी करके ये परीक्षा पास की है.

आरक्षण अटका तो लगा फिर देना होगा एग्जाम

पुरुषों में 14वीं रैंक हासिल करने वाली प्रिंसी तंबोली ने बताया कि आरक्षण विवाद को लेकर हम भ्रमित थे. एक समय तो ऐसा लगा कि फिर से मेन्स देना पड़ेगा. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब 58 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था के अनुसार रिजल्ट जारी किया गया है. इससे पहले मैंने दो प्रयास दिए थे. पिछली बार सहकारिता अधिकारी का पद मिला था.

वहीं प्रिंसी ने एमकॉम की पढ़ाई की है. उसने बताया कि वो हिंदी मीडियम से पढ़े हैं. प्रिंसी ने बताया कि साक्षात्कार में मुझसे मेरे वर्तमान सहकारिता विभाग से संबंधित प्रश्न पूछे गए. पीएससी अधिकारी तमन सोनवानी के बोर्ड में इंटरव्यू हुआ. मेरा मूल निवास वर्धा जिले में है, वहां से प्रश्न पूछे गए थे. मैं एक अधिकारी के रूप में बेहतर तरीके से शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर ले जाना चाहता हूं. मैंने रोजाना करीब 5 घंटे पढ़ाई की, करेंट अफेयर्स के लिए टेलीग्राम के ग्रुप जुड़ने से भी मदद मिली.

प्रज्ञा ने बताई, तैयारी की स्ट्रेटजी

प्रज्ञा ने कहा कि घर में सब हैरान थे कि मुझे पहली रैंक मिली है. मैं सरकारी वेबसाइटों से नोट्स के लिए तथ्य और डेटा इकट्ठा करके स्टडी करती थी. मेरी डीपीआर की साइट ने भी काफी मदद की. वो बताती हैं कि साक्षात्कार में मेरे साथ एक दिलचस्प बात हुई, यहां मुझे रूस-यूक्रेन युद्ध पर कुछ लिखने के लिए कहा गया. इसके अलावा छत्तीसगढ़ी बोली में बात करने से परीक्षा में इस बोली को समझने का फायदा मिला क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न भी पूछे गए थे. प्रज्ञा फिलहाल रविशंकर यूनिवर्सिटी से एमए पॉलिटिकल साइंस कर रही हैं.

प्रज्ञा का परिवार दोगुनी खुशी मना रहे है क्योंकि उसके भाई प्रखर ने भी परीक्षा पास कर ली है. प्रखर नायक ने 20वीं रैंक हासिल की है. प्रखर ने बताया कि एनआईटी रायपुर से पास होने के बाद वह सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली गया था. दो साल दिल्ली में रहकर तैयारी की. इसके बाद वह घर आ गया और खुद ही पढ़ाई करने लगा. इसके बाद दो बार सीजी पीएससी की परीक्षा दी. इसमें कामयाब नहीं हुए, लेकिन जो भी खामियां रही, उसमें सुधार करता रहा. अंतत: तीसरे प्रयास में सफलता मिली.

CG PSC परीक्षा में शशांक का यह तीसरा प्रयास था. पहले प्रयास में प्री क्लियर नहीं कर पाए थे. दूसरी बार में 37वीं रैंक हासिल कर नौकरी ज्वाइन की. फिर नौकरी के साथ पढ़ाई की. शशांक ने कहा कि हम एक दूसरे का मार्गदर्शन करते हैं. जिन विषयों में पहले कम अंक आते थे उन्हें हटा दिया. कमजोर विषयों पर फोकस करके तैयारी की. अब उनका लक्ष्य आईएएस बनना है. बता दें कि शशांक गोयल ने एनआईटी से इंजीनियरिंग और आईआईएम रांची से एमबीए किया है

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