हरियाणा के इन तीन जिलों के 300 युवा सीख रहे जर्मन भाषा, 148 को कंपनियों में अच्छे पैकेज के साथ मिल रही है अच्छी नौकरी

हरियाणा के इन तीन जिलों के 300 युवा सीख रहे जर्मन भाषा, 148 को कंपनियों में अच्छे पैकेज के साथ मिल रही है अच्छी नौकरी
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हरियाणा के इन तीन जिलों के 300 युवा सीख रहे जर्मन भाषा, 148 को कंपनियों में अच्छे पैकेज के साथ मिल रही है अच्छी नौकरी

रोजगार के लिए चार साल में ग्रामीण युवाओं में बढ़ा जर्मन लैंग्वेज कोर्स का क्रेज

खेत खजाना: फतेहाबाद, सिरसा व हिसार के 300 युवा जर्मन सीख रहे हैं व 148 की विभिन्न कंपनियों मैं नौकरी लग चुकी हैं, जहां से अच्छा खासा पैकेज मिल रहा है। खास बात यह है कि फतेहाबाद जिले के गांव बनगांव के युवाओं ने जर्मन लैंग्वेज सीखने की पहल की है। लैंग्वेज सीखने वालों में 30 प्रतिशत लड़कियां हैं। वहीं 70 प्रतिशत लड़के सरकारी स्कूलों से पढ़ाई करके निकले हैं।

2019 में निकला पहला बैच

जर्मन लैंग्वेज सीखाने के लिए सिरसा में 2019 में इंस्टीच्यूट खुला था। जहाँ से जून 2019 में 128 युवाओं का पहला बैच निकला। यह अगस्त 2020 मैं नौकरी हासिल करने में कामयाब हो गए। वहीं बनगांव के युवा जयवीर ने सबसे पहले जर्मन लैंग्वेज का कोर्स किया, जोकि जॉब कर रहा है। इसके बाद गांव के तीन युवाओं रोहित पिलानिया, प्रवीन खोखर व सोनल के अलावा भूथन गांव के ने कोर्स किया। यह सभी जॉब लग गए। रोहित ने हिसार में जर्मन लैंग्वेज कोर्स कराने का अपना सेंटर खोल लिया। इसके बाद गांव के युवाओं की फौज इस कोर्स को करने निकल पड़ी। उन्हें देख भोडिया खेड़ा, किरदान आदि से युवा कोर्स करने के आगे आएं।

बनगांव में युवा आगे आ रहे

फतेहाबाद से 8 किलोमीटर दूर गांव के 18 युवा जर्मन लैंग्वेज का कोर्स कर मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब कर रहे हैं। इनमें से 15 वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। यह कंपनियां जर्मनी बेस्ड है, जहां से अच्छा पैकेज मिल रहा है। बनगांव से 45 युवा जर्मन लैंग्वेज का कोर्स मौजूदा समय में कर रहे हैं। सिरसा के मोडिया खेड़ा के गांव के युवाओं में क्रेज है।

क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं में जर्मन लैंग्वेज सीखने का क्रेज बढ़ रहा है। प्रदेश में घटते रोजगार की खबरों के बीच मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी की उम्मीद में युवा इस भाषा को सीखने का कोर्स कर रहे हैं। 4 साल से इसका क्रेज काफी बढ़ा है।

बनगांव के युवा रोहित, प्रवीन आदि ने बताया कि देश व प्रदेश में घटते रोजगार के बीच युवाओं ने विदेशी भाषाओं का कोर्स करना शुरू कर दिया है। चूंकि देश में विदेशी मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरियां मिल रही हैं। चूंकि जर्मनी के नियमों के हिसाब से वहां नौकरी का पैकेज काफी अच्छा है, जिससे युवा आकर्षित हो रहे हैं।

यह कोर्स वैसे तो कई लेवल का होता है, लेकिन एमएनसी में नौकरी हासिल करने के लिए बी बन लेवल पार करना जरूरी है। इस कोर्स का खर्चा 75 हजार रुपए रहता है। 6 महीने का समय लगता है। बाकी युवाओं की योग्यता के हिसाब से वेतन मिलता है।

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