कांस्टेबल भर्ती को लेकर बड़ी राहत, रिक्त पदों या भविष्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति देने का कोर्ट ने दिया सुझाव

कांस्टेबल भर्ती को लेकर बड़ी राहत, रिक्त पदों या भविष्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति देने का कोर्ट ने दिया सुझाव
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कांस्टेबल भर्ती को लेकर बड़ी राहत, रिक्त पदों या भविष्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति देने का कोर्ट ने दिया सुझाव

• रिक्त पदों या भविष्य के रिक्त पदों पर नियुक्ति देने का कोर्ट ने दिया सुझाव

मेरिट सूची में खामी के लिए आवेदक नहीं जिम्मेदार, उनकी सेवाओं पर होना चाहिए विचार : हाई कोर्ट

Khet khajana, चंडीगढ़: पुरुष कांस्टेबलों के लगभग 5000 पदों, 1147 महिला कांस्टेबलों, पुरुष उप निरीक्षकों के 400 पदों और महिला उप निरीक्षकों के 63 पदों की भर्ती मामले में नई मेरिट सूची बनने के चलते सेवा से बाहर होने वालों को राहत देते हुए हाई कोर्ट ने इन्हें रिक्त पदों या भविष्य के रिक्त पदों पर एडजस्ट करने पर विचार का आदेश दिया है। यदि फिर भी मेरिट में ऊंचे व्यक्ति को सेवा में लाने के लिए किसी की सेवा समाप्त की जाती है तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। कोर्ट ने भर्ती को लेकर जारी जारी विस्तृत आदेश में यह सुझाव दिया है।

इस भर्ती में सामाजिक व आर्थिक आधार पर अंक दिए जाने में हुई अनियमितत्ताओं को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई थी। हाई कोर्ट ने याची की दलीलों को सही मानते हुए नए सिरे से अनाथ होने से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर मेरिट सूची तैयार करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि चयनित उम्मीदवारों की योग्यता सूची में खामी के लिए वह जिम्मेदार नहीं है और उन्हें धोखाधड़ी का कोई दोष नहीं दिया जा सकता है।

गलती आयोग की जिसने कुछ ऐसे उम्मीदवारों को अंक दिए जो इन अंकों के पात्र नहीं थे और वह नियुक्त हो गए। जिन उम्मीदवारों को पहली बार में घोषित गलत परिणाम के आधार पर नियुक्त किया गया था, उन पर चयनित उम्मीदवारों की ओर से धोखाधड़ी या गलतबयानी का कोई आरोप नहीं था। कोर्ट ने एचएसएससी को चार महीने की अवधि के भीतर दस्तावेजों की जांच की कवायद पूरी करने का निर्देश दिया है।

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