7th Pay Commission : कर्मचारियों के लिए बजट में फिटमेंट फैक्टर पर लगेगी मुहर, सैलरी में होगा इतना इजाफा

1 फरवरी 2024 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी, जिसे लेकर समाज में बड़ी उम्मीदें हैं।

7th Pay Commission : कर्मचारियों के लिए बजट में फिटमेंट फैक्टर पर लगेगी मुहर, सैलरी में होगा इतना इजाफा
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1 फरवरी 2024 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी, जिसे लेकर समाज में बड़ी उम्मीदें हैं। इस बजट के माध्यम से सरकार की योजनाओं को लेकर आम जनता में बड़ी उत्साहना है और उन्हें आशा है कि यह अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस बार के बजट से सरकारी कर्मचारियों को भी काफी उम्मीदें हैं।

देश में चुनावों के आसपास की दिनचर्या के कारण सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक मांगें बढ़ी हुई हैं। उन्हें अपनी मांगों की पूर्ति के लिए फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की आशा है। 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट चुनावों से पहले आने वाला अंतरिम बजट है और देखना होगा कि क्या इसमें फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी होती है।

फिटमेंट फैक्टर को आखिरी बार 2016 में बढ़ाया गया था, जिसमें कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन 6,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये किया गया था। फिटमेंट फैक्टर में संभावित बढ़ोतरी से न्यूनतम बेसिक वेतन 26,000 रुपये हो सकता है। इससे कर्मचारियों की बेहतर सैलरी की उम्मीद है और यह उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकता है।

इस बार के बजट में फिटमेंट फैक्टर पर भी फैसला होने की उम्मीद है, जिसमें कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे बजट के खर्च में शामिल किया जाएगा। फिटमेंट फैक्टर का बढ़ना सीधे तौर पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी का सीधा कारण होता है। बेसिक सैलरी की बढ़ोतरी के साथ ही बेसिक पर निर्भर कुछ अन्य भत्तों की भी बढ़ोतरी हो सकती है।

फिटमेंट फैक्टर के बढ़ने से न्यूनतम बेसिक वेतन में 8,000 रुपये की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जो बहुत अच्छा समाचार है केंद्रीय कर्मचारियों के लिए। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है और उन्हें अधिक मुक्तियाँ मिलेंगी। बेसिक सैलरी की बढ़ोतरी के साथ ही महंगाई भत्ता भी बढ़ावा पाएगा, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा में सुधार हो सकता है।

इस बार के बजट से सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा मिल सकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो और उन्हें अच्छे दिनों की आशा हो सकती है। बजट पेश होने के बाद यह स्पष्ट होगा कि सरकार किस प्रकार से आम जनता और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए कदम उठाती है।

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