करीब 60 हजार किसानों को इस सरकार ने दिया कृषि कर्जे की मार से छुटकारा, किया 409 करोड रुपए का कर्जा माफ

राजस्थान सरकार ने पिछले तीन वर्षों में 59,983 किसानों को एक बड़ा लाभ प्रदान किया है, जहां उन्होंने केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा दिए गए 409.60 करोड़ रुपये के ऋण को माफ कर दिया है।

करीब 60 हजार किसानों को इस सरकार ने दिया कृषि कर्जे की मार से छुटकारा, किया 409 करोड रुपए का कर्जा माफ
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करीब 60 हजार किसानों को इस सरकार ने दिया कृषि कर्जे की मार से छुटकारा, किया 409 करोड रुपए का कर्जा माफ

राजस्थान सरकार ने पिछले तीन वर्षों में 59,983 किसानों को एक बड़ा लाभ प्रदान किया है, जहां उन्होंने केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा दिए गए 409.60 करोड़ रुपये के ऋण को माफ कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार ने राजस्थान के किसानों को आर्थिक राहत प्रदान की है जो ऋण के बोझ से परेशान थे।

इन ऋणों के माफी के लिए, राजस्थान सरकार ने कुछ विशेष योजनाएं चलाईं, जिनमें सहकारी बैंकों के कर्ज को माफ करना शामिल था। यहां विश्लेषणात्मक ढंग से देखें जाए, राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 (अल्पकालीन) और राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 (मध्यकालीन और दीर्घकालीन) जैसी योजनाएं शामिल थीं।

किसानों को मिले लाभ का विवरण:

यहां नीचे दिए गए टेबल में, पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किसानों को मिले लाभ का विस्तृत विवरण है:

वर्ष रुपये (करोड़) किसानों की संख्या

2020-21 325.14 42,866

2021-22 49.83 1,083

2022-23 35.63 7,034

यह तालिका स्पष्ट रूप से दिखाती है कि वर्ष 2020-21 में 42,866 किसानों को 325.14 करोड़ रुपये का लाभ मिला। वर्ष 2021-22 में 1,083 किसानों को 49.83 करोड़ रुपये और वर्ष 2022-23 में 7,034 किसानों को 35.63 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया।

सहकारिता मंत्री द्वारा योजना का विवरण:

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में यह जानकारी दी कि राज्य सरकार ने किसानों की आर्थिक समस्या को समझते हुए इन ऋण माफी योजनाओं को चलाया। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि राष्ट्रीयकृत बैंक भारत सरकार के नियंत्रणाधीन है और इन ऋणों के माफी का निर्णय भारत सरकार ने लिया था।

यह योजना राजस्थान के किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि इससे उन्हें अपने ऋण के भार से निजात मिलती है और वे अपने कृषि उत्पादन को बेहतर तरीके से समर्थन कर सकते हैं।

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