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Bihar Budget 2025 : बिहार को मिला वो जो मांगा था; कई उम्मीदें भी टूटीं, जानिए ‘मिथिलांचल मॉडल’ से राजनीति की नई पटकथा

बजट 2025 में बिहार को क्या मिला और क्या नहीं मिला? जानिए मिथिलांचल मॉडल से राजनीति की नई पटकथा और बिहार के लिए बजट की सच्चाई।

Bihar Budget 2025 : पटना, 02 फरवरी 2025 – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट 2025 पेश किया, जिसे बिहार के संदर्भ में चुनावी बजट करार दिया गया। वित्त मंत्री ने मिथिला पेंटिंग वाली वही साड़ी पहनी थी जिसे कुछ माह पहले पद्मश्री दुलारी देवी ने उन्हें तोहफे में दी थी। यह भागलपुरी सिल्क पर बनी साड़ी है, जिसमें मिथिला की कचनी स्टाइल का इस्तेमाल किया गया है।

बिहार को मिला क्या?

1. मखाना बोर्ड की स्थापना मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन और विपणन में सुधार के लिए राज्य में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी।

2. आईआईटी पटना में क्षमता का विस्तार आईआईटी, पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता का विस्तार किया जाएगा।

3. बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की सुविधा दी जाएगी। ये पटना एयरपोर्ट की क्षमता के विस्तार और बिहटा में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट के अतिरिक्त होंगे।

4. मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले बड़ी संख्या में किसानों को लाभ होगा।

5. राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान यह संस्थान समूचे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को मजबूती प्रदान करेगा। यह संस्थान किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी करेगा और साथ ही युवाओं के लिए हुनर, उद्यमिता और रोजगार प्राप्त करने के अवसर पैदा करेगा।

क्या नहीं मिला?

1. बाढ़ के लिए 13000 करोड़ नीतीश सरकार की उम्मीद थी कि बाढ़ की त्रासदी से निजात के लिए राज्य को 13000 करोड़ मिलेगा। पर इस बजट में बिहार को निराशा मिली।

2. इंटरनेशनल एयरपोर्ट दरभंगा उम्मीद थी कि दरभंगा एयरपोर्ट को इंटरनेशनल बनाया जाएगा ताकि यहां के उत्पाद को विदेश के बाजारों तक ले जाने में मदद मिले।

3. भागलपुर एयरपोर्ट सिल्क सिटी के नाम से मशहूर भागलपुर को भी उम्मीद थी कि इस बार तोहफा में एयरपोर्ट मिलेगा। पर निराशा हाथ लगी।

4. नालंदा एयरपोर्ट नालंदा में बढ़ते पर्यटकों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार को उम्मीद थी कि इस बार नालंदा को एयरपोर्ट मिलेगा पर यह भी नहीं मिला।

धरातल की सच्चाई

वरिष्ठ पत्रकार और मिथिलांचल वासी अवधेश बच्चन मानते हैं कि मखाना बोर्ड का फायदा तो होगा लेकिन इससे ज्यादा बेहतर होता कि मखाना के सही दाम और बाजार की व्यवस्था की दिशा में वृहद कार्यक्रम तैयार किए जाते। बोर्ड का गठन तो पहले भी था, पर बंद ही रहा।

वरिष्ठ पत्रकार दीपक कोचगवे कहते हैं कि इस बजट में पहले से कार्य चल रहे और पटना और बिहटा को भी शामिल कर लिया है। नया ग्रीनफील्ड कहां बनेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है।

राजद नेता निराला यादव कहते हैं कि आईआईटी विस्तार से लोकल छात्रों को क्या फायदा? नामांकन तो मेरिट से होता है।

मिथिलांचल बजट है

राजनीतिक विश्लेषक राम बंधु वत्स मानते हैं कि बिहार के लिए कम यह मिथिलांचल के लिए ज्यादा बजट लगता है। अपरोक्ष रूप से इस बजट पर संजय झा की छाप दिखती है। मखाना बोर्ड की बात करें तो यह मिथिलांचल के 25 हजार रजिस्टर्ड किसानों के लिए फायदेमंद होगा जबकि कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ही कहते हैं बिहार में एक करोड़ रजिस्टर्ड किसान हैं। पश्चिमी कोशी नहर परियोजना का लाभ किसे मिलेगा मिथिलांचल को। कहना नहीं होगा कि एनडीए नीत सरकार के निशाना पर बिहार चुनाव और उससे भी खास मिथिलांचल क्षेत्र है।

 

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