Bihar Land Registry: बिहार में जमीन खरीद-ब्रिकी का नया नियम लागू, अब जिनके नाम जमाबंदी, वही बेच सकेंगे.....

Bihar Land Registry: बिहार में जमीन खरीद-ब्रिकी का नया नियम लागू, अब जिनके नाम जमाबंदी, वही बेच सकेंगे.....
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बिहार में जमीन, फ्लैट, मकान और अन्य संपत्ति के निबंधन के नियमों में हाल ही में बड़ा बदलाव किया गया है। इससे जमीन की खरीद-बिक्री में अनेक लाभ होंगे और भूमि विवादों में कमी आएगी। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नए नियम क्या हैं और इनसे आपको कैसे फायदा होगा।

बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नए नियम

बिहार सरकार ने 1 जून 2023 से जमीन रजिस्ट्री के नियमों में ये बदलाव किए हैं:

- अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए गवाहों की जरूरत नहीं होगी। इससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया में आसानी और तेजी आएगी।

- अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए विक्रेता का आधार कार्ड और जमाबंदी की कॉपी अनिवार्य होगी। इससे जमीन की पहचान और स्वामित्व की पुष्टि होगी।

- अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए क्रेता का आधार कार्ड और पैन कार्ड अनिवार्य होगा। इससे जमीन की खरीद-बिक्री का लेखा-जोखा होगा।

- अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए विक्रेता और क्रेता को अपने आधार कार्ड को रजिस्ट्रार के साथ लिंक करना होगा। इससे जमीन की रजिस्ट्री का डिजिटल रिकॉर्ड बनेगा।

- अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए विक्रेता और क्रेता को अपने बैंक खाते का विवरण देना होगा। इससे जमीन की खरीद-बिक्री का भुगतान ऑनलाइन होगा।

बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नए नियम से कौन-कौन से फायदे होंगे

बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नए नियम से जमीन के कारोबार में ये फायदे होंगे:

- जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में समय और पैसा बचेगा। गवाहों की जरूरत न होने से रजिस्ट्री की प्रक्रिया में देरी और भ्रष्टाचार नहीं होगा।

- जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में शाफाफियत और सुरक्षा बढ़ेगी। आधार कार्ड, पैन कार्ड, जमाबंदी और बैंक खाते के विवरण से जमीन की पहचान, स्वामित्व, लेखा-जोखा और भुगतान की जांच होगी।

- जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में डिजिटलीकरण होगा। आधार कार्ड को रजिस्ट्रार के साथ लिंक करने से जमीन की रजिस्ट्री का डिजिटल रिकॉर्ड बनेगा। इससे जमीन की रजिस्ट्री का डेटा सुरक्षित और सुलभ रहेगा।

- जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में ऑनलाइन भुगतान होगा। बैंक खाते के विवरण से जमीन की खरीद-बिक्री का भुगतान ऑनलाइन होगा। इससे नकदी का लेन-देन नहीं होगा और काले धन का प्रवाह रुकेगा।

- जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में भूमि विवादों में कमी आएगी।

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