Breaking News : पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस: भ्रामक विज्ञापनों पर जांच का आदेश

Breaking News : पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस: भ्रामक विज्ञापनों पर जांच का आदेश
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Breaking News : पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस: भ्रामक विज्ञापनों पर जांच का आदेश

खेत खजाना : नई दिल्ली, पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस आयुर्वेदिक उत्पादों के निर्माता पतंजलि और उसके संस्थापक बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बुरी खबर मिली है। कोर्ट ने उन्हें अवमानना का नोटिस भेजा है और उनसे जवाब मांगा है कि उन्होंने बीमारियों के इलाज के लिए भ्रामक विज्ञापनों को देने का आरोप क्यों नहीं खारिज किया। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि उन्होंने कोर्ट के पहले के आदेशों और वादे का उल्लंघन करके किसी भी चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ बयान क्यों दिए।

गुमनाम चिट्ठी ने खोला राज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को एक गुमनाम चिट्ठी मिली थी, जिसमें बताया गया था कि पतंजलि ने 21 नवंबर 2023 को कोर्ट के आदेश के बावजूद अपने उत्पादों के लिए भ्रामक विज्ञापन जारी किए हैं। चिट्ठी में विज्ञापनों की कॉपी भी संलग्न थी, जिसमें पतंजलि ने अपने उत्पादों को बीपी, मधुमेह, गठिया, अस्थमा, मोटापे जैसी बीमारियों का इलाज बताया था। चिट्ठी में यह भी लिखा था कि पतंजलि ने एलोपैथी को बदनाम करने का प्रयास किया है और उसकी दवाओं और टीकाकरण को असरदार नहीं बताया है।

कोर्ट ने दिया आखिरी मौका सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और बाबा रामदेव को अपना जवाब देने के लिए आखिरी मौका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि वे अपना जवाब नहीं देते हैं, तो कोर्ट उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वे अपने विज्ञापनों को तुरंत निकाल दें और किसी भी चिकित्सा प्रणाली के बारे में कोई भी गलत बात ना कहें। कोर्ट ने यह भी आशंका जताई है कि पतंजलि के विज्ञापनों से जनता को गुमराह किया जा सकता है और उनका स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है।

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