योगी सरकार का बुलडोजर एक्शन, यूपी के इस शहर में 200 भवनों को तोड़ने की तैयारी, जानें क्या हैं मामला

योगी सरकार का बुलडोजर एक्शन, यूपी के इस शहर में 200 भवनों को तोड़ने की तैयारी, जानें क्या हैं मामला
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योगी सरकार का बुलडोजर एक्शन, यूपी के इस शहर में 200 भवनों को तोड़ने की तैयारी, जानें क्या हैं मामला

Khet Khajana: यूपी के शाहजहांपुर जिले में नेशनल हाईवे 730 का चौड़ीकरण करने के लिए 200 भवनों को तोड़ने का काम बुधवार से शुरू हो सकता है। इन भवनों में व्यापारियों के दुकानें और आवासीय इमारतें शामिल हैं। व्यापारियों ने डीएम से मिलकर अपने भवनों को खाली करने के लिए मार्च तक का समय मांगा है, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह परियोजना क्या है, किन भवनों को तोड़ा जाएगा, व्यापारियों की मांग क्या है और प्रशासन का रुख कैसा है।

नेशनल हाईवे 730 का चौड़ीकरण

नेशनल हाईवे 730 उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के वेबर से लेकर पीलीभीत तक जाता है। इस हाईवे का चौड़ीकरण करने के लिए कॉरिडोर परियोजना का शुभारंभ 2019 में हुआ था। इस परियोजना का लक्ष्य है कि इस हाईवे को चार लेन से बढ़ाकर छह लेन का बनाया जाए, जिससे यातायात की सुविधा और सुरक्षा बढ़े। इस परियोजना को 2024 तक पूरा करना है।

इस परियोजना के लिए आईसीटी संस्था को नामित किया गया है, जो इस हाईवे के चौड़ीकरण का काम कर रही है। इस हाईवे के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी चल रहा है, जिसमें कुछ भवनों को तोड़ना पड़ रहा है।

खुदागंज में 200 भवनों को तोड़ने की तैयारी

शाहजहांपुर जिले के खुदागंज इलाके में नेशनल हाईवे 730 के चौड़ीकरण के लिए 200 भवनों को तोड़ना होगा। इनमें से कुछ भवन राजमार्ग के किनारे और कुछ राजमार्ग के बीच में हैं। इन भवनों में व्यापारियों के दुकानें, आवासीय इमारतें, बैंक, एटीएम, पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट, होटल, गोदाम, गारेज, धार्मिक स्थल आदि शामिल हैं।

प्रशासन ने इन भवनों के मालिकों को नोटिस जारी करके अपने भवनों को खाली करने के लिए कहा है। प्रशासन ने 13 फरवरी तक का समय दिया है, उसके बाद बुलडोजर चलाकर इन भवनों को तोड़ दिया जाएगा। प्रशासन ने कहा है कि इन भवनों के मालिकों को मुआवजा भी दिया जाएगा।

व्यापारियों की मांग

इन भवनों के मालिकों में अधिकांश व्यापारी हैं, जो अपने दुकानों को खाली करने के लिए मार्च तक का समय मांग रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्हें अपना सामान शिफ्ट करने और नए स्थान पर दुकान खोलने के लिए समय की जरूरत है। वे यह भी कहते हैं कि उन्हें प्रशासन द्वारा दिए गए मुआवजे से संतुष्ट नहीं हैं।

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