यूपी के इन जिलों की ग्राम पंचायतों की निगरानी रखेगा सीसीटीवी कैमरा, अब पंचायतों को मिलेंगे इतने कैमरे

यूपी के इन जिलों की ग्राम पंचायतों की निगरानी रखेगा सीसीटीवी कैमरा, अब पंचायतों को मिलेंगे इतने कैमरे
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यूपी के इन जिलों की ग्राम पंचायतों की निगरानी रखेगा सीसीटीवी कैमरा, अब पंचायतों को मिलेंगे इतने कैमरे

खेत खजाना : उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में ग्राम पंचायतों में सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे अपराध को रोकने और ग्रामीणों को सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है। इसके पीछे का विचार ऑपरेशन त्रिनेत्र है, जिसके तहत गांवों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनकी निगरानी पुलिस और पंचायत द्वारा की जा रही है। इस आर्टिकल में हम इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानेंगे, और यह भी देखेंगे कि इससे कौन-कौन से फायदे हुए हैं।

सीसीटीवी कैमरों का मुख्य उद्देश्य गांवों में अपराध को रोकना है। अक्सर देखा गया है कि गांवों में अपराधियों को पकड़ना मुश्किल होता है, क्योंकि उनकी पहचान और गवाही का अभाव होता है। इसलिए, सीसीटीवी कैमरों के द्वारा अपराधियों की पहचान, पकड़, और गिरफ्तारी करना आसान हो जाता है। इससे अपराध की दर कम होती है, और लोगों को सुरक्षा का एहसास होता है।

सीसीटीवी कैमरों का लगाना शासन का निर्देश है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में ग्राम पंचायतों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन जिलों में मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, बरेली, बलिया, और अलीगढ़ शामिल हैं। इन जिलों में कुल 487 ग्राम पंचायत हैं, जिनमें से 374 में पहले से ही सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं। शेष 113 में भी जल्द ही कैमरे लगाए जाएंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम आठ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिनका खर्च ग्राम पंचायत निधि से उठाया जाएगा।

सीसीटीवी कैमरों का फायदा न केवल अपराध को रोकने में ही है, बल्कि ग्राम पंचायतों के कार्यों की भी निगरानी करने में है। इन कैमरों से पंचायत के सदस्यों की जिम्मेदारी और ईमानदारी बढ़ती है, और ग्रामीणों को उनके हक का लाभ मिलता है। इन कैमरों से ग्रामीणों की शिकायतों का भी समाधान होता है, और उनकी आवाज को सुना जाता है। इस प्रकार, सीसीटीवी कैमरों का गांवों के विकास और समृद्धि में बड़ा योगदान है।

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