टिशू कल्चर से केले की खेती, इस राज्य की सरकार दे रही 50% अनुदान केला की खेती पर, उपज मिलेगी बम्पर

न्यूनतम 8 कट्ठा तो अधिकतम 2 हेक्टेयर में लगा सकते हैं बाग, दिए जाएंगे टिशू कल्चर वेरायटी के पौधे, उपज मिलेगी बम्पर

टिशू कल्चर से केले की खेती, इस राज्य की सरकार दे रही 50% अनुदान केला की खेती पर, उपज मिलेगी बम्पर
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बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि । निजी जमीन पर नालंदा में 10 हेक्टेयर में केला का बगीचा लगेगा। राहत यह कि खेती करने वाले किसानों को 50 फीसद अनुदान मिलेगा। अच्छी बात यह भी कि पौधे लगाने और उसकी देखरेख के लिए अलग से राशि भी दी जाएगी। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जारी है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभुकों का चयन किया जाएगा। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत एक किसान कम से कम आठ कट्टा और अधिकतम दो हेक्टेयर में पौधे लगा सकते हैं। प्रति हेक्टेयर 3086 पौधे लगाये जाएंगे।



| कुछ इसी तरह होती है केला की खेती।

अनुदान काटकर लाभुक किसानों को एक रुपया 51 पैसा प्रति पौधा देना होगा। योजना के तहत प्रति हेक्टेयर पौधे लगाने और खेती करने पर एक लाख 25 हजार लागत आएगी। इसपर 50 फीसद अनुदान 62,500 रुपए मिलेगा। पहले वर्ष में 75 फीसद तो दूसरे वर्ष में 25 फीसद दिये जाएंगे। सब्सिडी दी जाएगी। शर्त यह कि पौधे 80 से 90 फीसद सुरक्षित रहने चाहिए खास यह है की जी - 9 टिशू कल्चर वेरायटी के पौधे किसानों को एक बार खेती, 5 साल तक उपजः टीशू कल्चर के पौधे से आठ माह में

केला का बगीचा लगाकर जिले के किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकते हैं। वैसे, किसान जो अपनी जमीन पर बगीचा लगाना चाहते हैं. वे जरूरी कागजात के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया जारी है। राकेश कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी


उपज मिलने लगती है। घौर की लम्बाई समान्य वेरायटी से अधिक और फल भी पुष्ट रहता है। खास यह कि एक बार खेती करने पर पांच साल तक उपज ली जा सकती है। माना जाता है कि केले की खेती कम लागत में शानदार मुनाफा देती है। आवेदन करने के लिए ये कागजात जरूरी योजना का लाभ पाने वाले किसानों को उद्यान विभाग के पोर्टल (horticulture. bihar. go. in) पर आवेदन करना होगा। चाहिए। खास यह कि जो 9 टीशू आवेदनदन के साथ एलपीसी या जमीन की कैरेंट रसीद, पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो व बैंक पासबुक की जानकारी देनी होगी।

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