धान की सीधी बिजाई के 4.60 करोड़ के फर्जी आवेदन रद्द, धान के बाद गेहूं की सीधी बिजाई के लिए किसानों को 4 हजार रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता दी जानी थी

29000 एकड़ के आवेदन में से भौतिक सत्यापन में 17500 एकड़ ही सही पाए

धान की सीधी बिजाई के 4.60 करोड़ के फर्जी आवेदन रद्द, धान के बाद गेहूं की सीधी बिजाई के लिए किसानों को 4 हजार रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता दी जानी थी
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कृषि विभाग ने करीब 4.60 करोड़ के फर्जी आवेदन रद्द किए हैं। धान के बाद गेहूं की सीधी बिजाई के लिए किसानों को 4 हजार रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता दी जानी थी, जिसके लिए जिले में किसानों ने करीब 29000 एकड़ के आवेदन किए। कृषि विभाग के अधिकारियों ने इसका सत्यापन किया तो 17500 एकड़ ही सही पाए गए। करीब 11500 एकड़ के आवेदन रद्द किए गए हैं।

प्राथमिक चरण में सही पाए गए 17500 एकड़ को दोबारा से सत्यापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब 5000 एकड़ एरिया और कम हो गया है। केवल 12500 एकड़ के आवेदकों को ही अनुदान जारी किया जाएगा।

हरियाणा में गिरते भूजल को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 में धान की सीधी बिजाई पर 5 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान की योजना शुरू की थी। पहले चरण में इसमें अधिकतम 2.5 एकड़ एरिया की शर्त थी। केवल आठ जिलों में इसे लागू किया गया था। प्रदेश में वर्ष 2022 के लिए करीब एक लाख एकड़ का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, सिरसा, हिसार, रोहतक, अंबाला, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत

कुल 12 जिलों को लिया गया था। पहली बार हिसार को भी लिया गया। पूरे प्रदेश के लिए करीब 40 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, धान की सीधी बिजाई में पारंपरिक बुआई की अपेक्षा पानी की खपत 25-30 प्रतिशत तक कम होती है।

कम पानी वाले क्षेत्रों में भी धान की सीधी बिजाई बहुत कारगर है। डीएसआर और पारंपरिक तकनीक से धान की पैदावार लगभग समान होती है। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर आवेदन करना होता है। फसल का भौतिक सत्यापन करने के बाद संबंधित किसानों को सीधे बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि डाली जाती है।

सीधी बिजाई के आवेदनों का सत्यापन कराया गया तो उसमें 11500 एकड़ के आवेदन फर्जी मिलने पर उन्हें रिजेक्ट किया गया है। इस योजना में किसान को प्रति एकड़ 4 हजार रुपये का आर्थिक अनुदान दिया जाता है। प्राथमिक कमेटी के सत्यापन के बाद अब दोबारा से जांच की जा रही है। जांच के बाद ही किसानों को अनुदान जारी किया जाएगा। राजबीर सिंह, उपनिदेशक कृषि विभाग, हिसार

फर्जी आवेदन आने पर विभाग दोबारा करेगा सत्यापन

पिछली बार जिले में करीब 8 हजार एकड़ का लक्ष्य दिया गया था। इस बार हिसार जिले में 1.90 लाख एकड़ में धान की बिजाई की गई थी। इस योजना के लिए 29000 एकड़ के आवेदन आए। कृषि अधिकारियों ने कमेटी से इसका भौतिक सत्यापन कराया। इस कमेटी में कृषि अधिकारी, पटवारी नंबरदार शामिल किए। भौतिक सत्यापन में 17500 एकड़ को ही सही पाया गया। बहुत बड़े स्तर पर आवेदन फर्जी पाए जाने पर कृषि विभाग ने इसकी दोवारा से जांच शुरू करा दी है। कृषि विभाग ने 30 नवंबर के बाद आवेदन करने वाले आवेदन भी खारिज कर दिए हैं, जिसमें करीब 5000 एकड़ कम हो गए। फिलहाल 12500 एकड़ ही बचे हैं। दूसरी बार के सत्यापन में इसका कुछ एरिया और कम हो सकता है।

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