MP-राजस्थान और महाराष्ट्र के किसानो ने 70% लिया फसल बीमा क्लेम: किसानों को 3 साल में 41 हजार करोड़ रुपए मिले; जानिए कहाँ ज्यादा फसलें बर्बाद हुईं

भारत में किसानों के लिए बीमा का महत्व

किसानों का जीवन उनके खेतों से जुड़ा होता है और उनके लिए खेती ही उनकी मुख्य आय का स्रोत होती है। लेकिन अनियमित मौसम और आक्रामक तबादलों के कारण, किसानों को फसलों के नुकसान से निपटना पड़ता है। इसी कठिनाई को कम करने के लिए फसल बीमा की आवश्यकता होती है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसानों ने फसल बीमा का सही इस्तेमाल करके अपने नुकसानों का मुआवजा प्राप्त किया है।

फसल बीमा क्लेम में मध्य प्रदेश की अगुआई

भारत में किसानों को अनियमित मौसम के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने के लिए फसल बीमा योजनाएं हैं। इनमें से एक योजना है फसल बीमा योजना, जिसके तहत किसानों को उनके फसलों के नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। मध्य प्रदेश में किसानों ने इस योजना का सही तरीके से उपयोग करके बड़े पैमाने पर फसल बीमा क्लेम लिया है।

राज्य फसल बीमा क्लेम (करोड़ रुपए)

मध्य प्रदेश 16,658

राजस्थान 12,714

महाराष्ट्र 12,452

मौसम की चुनौतियों का सामना

देश में मौसम की परिस्थितियों ने किसानों के लिए बड़े चुनौतियों का सामना करवाया है। मप्र, राजस्थान और महाराष्ट्र इन तीन राज्यों में मौसम की वजह से फसलों के नुकसान हुए हैं। 2019-20 से 2021-22 के बीच, इन तीन राज्यों ने कुल 41,824 करोड़ रुपए का फसल बीमा क्लेम लिया है। यहां तक कि इन राज्यों का हिस्सा करीब 70% है।

बदलते मौसम के प्रभाव

केंद्र सरकार और वैज्ञानिक संस्थानों के अनुसार, फसलों की बर्बादी की मुख्य वजह बदलते मौसम में होती है। विशेष रूप से एक्सट्रीम वेदर यानी प्रतिकूल मौसम की चुनौतियों से किसानों को निपटना पड़ता है।

मध्य प्रदेश के किसानों की महान कहानी

2021-22 में मध्य प्रदेश के किसानों ने फसल बीमा के लिए सबसे ज्यादा क्लेम लिया है, जो 16,658 करोड़ रुपए के पार है। महाराष्ट्र और राजस्थान भी इस समय के दौरान अच्छे खासे क्लेम लेने में सफल रहे हैं।

फसल बीमा के प्रमुख राज्यों में क्लेम

राज्य 2021-22 (करोड़ रुपए) 2019-20 (करोड़ रुपए)

महाराष्ट्र 4,374 1,320

मध्य प्रदेश 3,758 7,781

राजस्थान 3,614 967

कंपनियों के प्रीमियम और क्लेम में अंतर

किसानों के लिए फसल बीमा क्लेम लेना महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इसके पीछे कंपनियों के प्रीमियम और क्लेम के बीच भी एक अंतर होता है। अधिकांश मामूला देशों में किसान स्वयं प्रीमियम देते हैं, लेकिन बाकी का हिस्सा सरकार द्वारा भरता है।




फसल बीमा का महत्व

अद्यतन मौसम और तबादलती जलवायु के परिणामस्वरूप, फसल उत्पादन में बदलाव आ गया है। इससे किसानों के लिए बड़े चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। फसल बीमा उनकी सुरक्षा की एक महत्वपूर्ण राह है जिसके माध्यम से वे अपने नुकसानों का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।

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