बासमती धान उगाने वाले इन 15 जिलों के किसानों को अगले 60 दिनों तक स्थान पर लगी कीटनाशकों के छिड़काव पर पाबंदी, जाने ऐसा क्यों कर रही है सरकार?

इस प्रतिबंध के कारण बासमती चावल के निर्यात में गिरावट आ सकती है, खासकर जब यूरोपियन यूनियन द्वारा निर्धारित कीटनाशी अवशेष स्तर में वारंवार अधिकतम कीटनाशक डायोस (MRL) को पार किया जाता है।

बासमती धान उगाने वाले इन 15 जिलों के किसानों को अगले 60 दिनों तक स्थान पर लगी कीटनाशकों के छिड़काव पर पाबंदी, जाने ऐसा क्यों कर रही है सरकार?
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बासमती धान उगाने वाले इन 15 जिलों के किसानों को अगले 60 दिनों तक स्थान पर लगी कीटनाशकों के छिड़काव पर पाबंदी, जाने ऐसा क्यों कर रही है सरकार?

उत्तर प्रदेश की सरकार ने बासमती पैडी को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें विभिन्न कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने का आलम है। इस नए निर्णय का पीछा क्यों किया गया है और किस प्रकार से यह बासमती पैडी के उत्पादन को प्रभावित करेगा, यहां जानिए:

1. प्रतिबंधित कीटनाशकों का सूची:

उत्तर प्रदेश सरकार ने बासमती पैडी में 60 दिनों के लिए 10 कीटनाशकों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है। इन प्रतिबंधित कीटनाशकों में ट्राइसाइक्लाज़ोल, बुप्रोफ़ाज़िन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफोस, हेक्साकोनाज़ोल, प्रोपिकोनाज़ोल, थायोमेथैक्सम, प्रोफेनोफोस, इमिडाक्लोपिड, और कार्बेडाज़िम शामिल हैं।

2. निर्माताओं के लिए प्रभाव:

यह प्रतिबंध बासमती पैडी के निर्माताओं को प्रभावित करेगा, क्योंकि वे अब इन कीटनाशकों की बिक्री नहीं कर सकेंगे। इससे उन्हें नए रसायनों का उपयोग करना होगा, जो यह पूरी तरह से बासमती पैडी की गुणवत्ता पर प्रभाव डाल सकते हैं।

3. बासमती चावल के निर्यात पर प्रभाव:

इस प्रतिबंध का बासमती चावल के निर्यात पर भी प्रभाव हो सकता है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बासमती के स्टॉक में खारिजी होने की समस्या है। यह निर्णय बासमती चावल के निर्यात में कमी कर सकता है, जिससे उत्पादकों को नुकसान हो सकता है।

4. किसानों के लिए सलाह:

किसानों को इस नए निर्णय का पालन करने की सलाह दी जा रही है। वे कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह ले सकते हैं और अपनी फसलों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए उपयुक्त कृषि रक्षा रसायनों का उपयोग कर सकते हैं।

5. निर्यात में गिरावट:

इस प्रतिबंध के कारण बासमती चावल के निर्यात में गिरावट आ सकती है, खासकर जब यूरोपियन यूनियन द्वारा निर्धारित कीटनाशी अवशेष स्तर में वारंवार अधिकतम कीटनाशक डायोस (MRL) को पार किया जाता है।

संक्षेप:

इस प्रतिबंध का उद्देश्य बासमती पैडी के उत्पादन को सुरक्षित और गुणवत्ता वर्धने के लिए है, लेकिन यह किसानों और निर्यातकों के लिए चुनौतियों का सामना कर सकता है। इसलिए, सभी संबंधित पक्षों को सावधान रहना होगा और बासमती पैडी के निर्माता और उपयोगकर्ताओं को नए रसायनों का प्रयोग करने की तैयारी करनी चाहिए।

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