पशुपालकों को आर्थिक सहायता: 25 से 90 प्रतिशत सब्सिडी
चण्डीगढ़ और रियाणा सरकार ने पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं आरम्भ की हैं। इन योजनाओं के तहत पशुपालन उद्यमी 25 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। यह नई उपाय उन्हें आर्थिक रूप से समर्थ बना रहा है और पशुपालन को सरल बना रहा है।
पशुपालन सब्सिडी की योजना:
गाय-भैंस पालन: सामान्य जाति के पशुपालकों को दो गाय-भैंस पर 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जबकि अनुसूचित जाति के नागरिकों को 50 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त होती है।
बकरी-भेड़ पालन: सामान्य जाति के व्यक्ति को 16 बकरी-भेड़ पालन के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है, जबकि अनुसूचित जाति को 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
सूअर पालन: सामान्य वर्ग के लोगों को 11 सूअर पालन के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जबकि अनुसूचित जाति वर्ग को 50 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त होती है।
देशी मुर्गी पालन: पशुपालकों को देशी मुर्गी पालन के लिए भी विशेष सब्सिडी उपलब्ध है। ये सब्सिडी उन्हें दाना-पानी के कटोरे, चूजे, और अन्य सामग्री मुफ्त में प्रदान करती है।
पशुपालन के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं:
पशुपालन को बढ़ाने के लिए पशुपालकों को विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इन प्रतियोगिताओं में विजेता पशुपालकों को नकद पुरस्कार और सब्सिडी के रूप में इनाम दिया जाता है। इससे उन्हें पशुपालन को लेकर अधिक उत्साह और जागरूकता होती है।
सारांश:
पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए रियाणा सरकार ने विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की हैं। इससे उन्हें पशुपालन उद्यम को संचालित करने में आसानी होती है और उन्हें आर्थिक रूप से सकारात्मक प्रभाव मिलता है। यह उपाय पशुपालन सेक्टर को मजबूत बनाने में मदद करता है और पशुपालकों को अधिक से अधिक उत्साहित करता है।