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Free Electricity Connection : मुफ्त बिजली कनेक्शन का तोहफा: 8.40 लाख किसानों के लिए सरकार की शानदार योजना!

Free Electricity Connection : मुफ्त बिजली कनेक्शन का तोहफा: 8.40 लाख किसानों के लिए सरकार की शानदार योजना!

Khet Khajana : 27 फरवरी 2025 का दिन है और बिहार के किसानों के लिए खुशखबरी का मौसम चल रहा है। मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत अब खेतों में सिंचाई के लिए “free electricity connection” मिलेगा। जी हां, अगर आप गूगल पर “free electricity for farmers” या “agriculture schemes 2025” सर्च कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। बिहार सरकार ने इस योजना के जरिए 8.40 लाख किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है, और अब तक 5.42 लाख किसानों को ये सुविधा मिल भी चुकी है। सिर्फ 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली लेकर ये किसान अपनी सिंचाई लागत को 98% तक कम कर चुके हैं। तो चलिए, इस योजना को थोड़ा करीब से समझते हैं।

 

ये कोई छोटी-मोटी स्कीम नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना को किसानों की जिंदगी आसान बनाने के लिए शुरू किया है। खेती में पानी की सबसे बड़ी जरूरत होती है, और इसके लिए डीजल-पेट्रोल पंपों पर हर घंटे 100 रुपये खर्च करने की बजाय अब free electricity connection से काम चल रहा है। 2 हॉर्स पावर के मोटर पंप से सिंचाई की लागत घटकर सिर्फ 2 रुपये प्रति घंटे रह गई है। अब तक 5 लाख से ज्यादा किसानों ने इस योजना का फायदा उठाया है और अपने खर्चे को काबू में करके मुनाफा बढ़ाया है। अगर आप भी इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो 28 फरवरी 2025 तक आवेदन का मौका आपके पास है।

 

बिहार सरकार का मकसद हर खेत तक पानी पहुंचाना है, और इसके लिए वो कोई कसर नहीं छोड़ रही। मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत 8.40 लाख किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिसमें से 5.42 लाख को कनेक्शन मिल चुका है। बाकी 3 लाख से ज्यादा किसानों को ये सुविधा जल्द मिलने वाली है। सरकार हर यूनिट पर 6.19 रुपये की सब्सिडी दे रही है, जिससे किसानों को सिर्फ 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। ये सब्सिडी सिंचाई को इतना सस्ता बना रही है कि किसानों की लागत 98% तक कम हो गई है। डीजल पंपों की जगह बिजली से चलने वाले पंप अब खेतों में नई उम्मीद ला रहे हैं।

 

अब बात करते हैं कि ये free electricity connection कैसे मिलेगा। आवेदन की प्रक्रिया इतनी आसान है कि कोई भी किसान इसे घर बैठे कर सकता है। आपको बस पासपोर्ट साइज फोटो, एड्रेस प्रूफ और मौजूदा लगान रसीद चाहिए। इसके साथ “सुविधा ऐप” पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर दें। अगर ऑनलाइन नहीं करना चाहते, तो नजदीकी बिजली कार्यालय में ऑफलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन के 7 दिन के अंदर आपके खेत तक बिजली के तार और पोल पहुंच जाएंगे। ये मुफ्त कनेक्शन न सिर्फ आपकी जेब बचाएगा, बल्कि खेती को भी आसान बनाएगा।

 

इस योजना को कामयाब बनाने के लिए बिहार सरकार ने बड़े पैमाने पर तैयारी की है। पूरे राज्य में 93,420 ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम जोर-शोर से चल रहा है, ताकि हर किसान तक बिजली पहुंच सके। अब तक 3.60 लाख डीजल पंपसेट को बिजली से जोड़ा जा चुका है, और 2024-26 तक 4.80 लाख और पंपसेटों को कनेक्शन देने का प्लान है। बिहार में कुल 7.20 लाख डीजल पंपसेट हैं, और इनमें से आधे से ज्यादा अब बिजली से चल रहे हैं। इसके अलावा, रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत 465 डेडिकेटेड कृषि फीडर बनाए गए हैं और 35,098 सर्किट किलोमीटर वितरण लाइनों का रीकंडक्टरिंग हुआ है। ये सारी कोशिशें सिर्फ एक मकसद के लिए हैं – हर खेत को पानी, हर किसान को राहत।

 

किसानों के लिए ये योजना कितनी फायदेमंद है, इसे आंकड़ों से समझते हैं। नीचे दी गई टेबल में साफ दिखता है कि free electricity connection से कितना बदलाव आया है:

 

विवरणडिटेल्स
कुल लक्षित किसान8.40 लाख
अब तक कनेक्शन प्राप्त5.42 लाख
बिजली दर (सब्सिडी के बाद)55 पैसे प्रति यूनिट
सब्सिडी प्रति यूनिट₹6.19
सिंचाई लागत (प्रति घंटा)₹2 (बिजली) बनाम ₹100 (डीजल)
आवेदन की आखिरी तारीख28 फरवरी 2025

ये आंकड़े साफ बताते हैं कि ये योजना किसानों की जिंदगी में कितना बड़ा बदलाव ला रही है। डीजल पंपों की तुलना में बिजली से सिंचाई करना 50 गुना सस्ता है। एक किसान ने बताया, “पहले डीजल पंप से एक घंटे की सिंचाई में 100 रुपये खर्च होते थे। अब बिजली से 2 रुपये में काम हो जाता है। फसल अच्छी हो रही है और जेब में पैसा भी बच रहा है।” ऐसे ही हजारों किसानों की कहानी इस योजना से जुड़ रही है।

 

लेकिन ये योजना सिर्फ लागत कम करने तक सीमित नहीं है। free electricity connection से किसानों की फसल पैदावार भी बढ़ रही है। पहले डीजल पंपों की ऊंची कीमत और अनियमित सप्लाई की वजह से कई बार सही वक्त पर सिंचाई नहीं हो पाती थी। अब बिजली की सस्ती और नियमित सुविधा से खेतों में हरियाली लौट आई है। बिहार सरकार का दावा है कि इससे राज्य की कृषि उत्पादकता में बड़ा उछाल आएगा, और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। ये योजना नीतीश कुमार के “सात निश्चय” का हिस्सा है, जिसका मकसद हर खेत तक पानी पहुंचाना है।

 

अब सवाल ये है कि क्या कोई दिक्कत नहीं है? कुछ किसानों का कहना है कि दूरदराज के इलाकों में अभी ट्रांसफॉर्मर और बिजली लाइनें पहुंचने में वक्त लग रहा है। लेकिन सरकार ने भरोसा दिलाया है कि 2026 तक हर लक्षित किसान तक कनेक्शन पहुंच जाएगा। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। ऊर्जा विभाग के अधिकारी भी गाँव-गाँव कैंप लगा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना से जुड़ सकें। अगर आप अभी तक नहीं जुड़े, तो 28 फरवरी से पहले अप्लाई कर लें, वरना ये मौका हाथ से निकल सकता है।

 

किसानों के लिए ये योजना किसी वरदान से कम नहीं। सस्ती बिजली से न सिर्फ खेती आसान हुई है, बल्कि मुनाफा भी बढ़ा है। बिहार के एक किसान रामलाल ने कहा, “पहले डीजल के लिए लाइन लगानी पड़ती थी, अब बिजली से पंप चलता है और खर्चा भी नहीं। सरकार ने सच में हमारी सुन ली।” ये योजना न सिर्फ आर्थिक फायदा दे रही है, बल्कि पर्यावरण को भी सहारा दे रही है, क्योंकि डीजल की खपत कम हो रही है। free electricity connection अब बिहार के खेतों की नई ताकत बन गया है।

 

तो भाइयों, अगर आप बिहार के किसान हैं और अपने खेत में सस्ती सिंचाई का सपना देखते हैं, तो देर न करें। “सुविधा ऐप” डाउनलोड करें या अपने बिजली कार्यालय में जाकर आज ही आवेदन करें। खेत खजाना की ओर से यही सलाह है कि इस मौके को हाथ से न जाने दें। 28 फरवरी 2025 तक का वक्त है, और ये free electricity connection आपकी खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। खेत हरे-भरे हों, जेब भरी रहे – यही तो हर किसान का सपना है, ना?

Sandeep Verma

नमस्ते दोस्तों, मैं पत्रकार संदीप वर्मा । पिछले 14 साल से पत्रकारिता में काम कर रहा हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती-बाड़ी, बागवानी और सरकारी योजना से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetkhajana.com/ के साथ। धन्यवाद

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