ब्रा का पूरा नाम और हिंदी में इसके अनोखे नाम - सोशल मीडिया पर वायरल जानकारी की सच्चाई
ब्रा, यानि ब्रासियर, एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग हर महिला करती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका पूरा नाम क्या है और इसे हिंदी में क्या-क्या कहा जाता है? अगर नहीं, तो आप अकेले नहीं हैं।
इंटरनेट पर इस विषय पर कई लोगों ने अपनी राय और ज्ञान बांटा है, लेकिन सबका जवाब सही नहीं है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ब्रा का पूरा नाम क्या है, इसका इतिहास क्या है, और इसे हिंदी में किन-किन नामों से जाना जाता है।
ब्रा का पूरा नाम
ब्रा का पूरा नाम ब्रासियर है, जो फ्रांसीसी भाषा का एक शब्द है। इसका मतलब है "छाती का आवरण" या "छाती का बाँधना"। इस शब्द का प्रयोग पहली बार 1893 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक अखबार में हुआ था। इसके बाद 1904 में एक कंपनी ने इसे अपने विज्ञापन में इस्तेमाल किया, और 1907 में एक प्रसिद्ध फैशन मैगज़ीन ने इसे अपने पृष्ठों पर छापा। इस तरह यह शब्द धीरे-धीरे लोकप्रिय होता गया, और 1911 में इसे ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में शामिल कर लिया गया।
ब्रा का आविष्कार किसने किया?
ब्रा का आविष्कार करने का श्रेय कई लोगों को दिया जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा मान्यता एक अमेरिकी महिला को दी जाती है, जिसका नाम था मैरी फेल्प्स जेकब, बाद में केसेस क्रॉसबी के नाम से जानी जाने वाली। उन्होंने 1913 में अपने दोस्त के लिए एक ब्रा बनाया था, जो एक बॉल में जाने वाली थी, और उसे कोर्सेट पहनने में असुविधा हो रही थी। उन्होंने दो रुमालों को रिबन से जोड़कर एक आसान और आरामदायक ब्रा बनाया, जिसे वह अपने कपड़ों के नीचे पहन सकती थी। उन्होंने अपने आविष्कार का पेटेंट भी लिया, और उसे 1914 में एक कंपनी को बेच दिया, जो उसे बड़े पैमाने पर उत्पादन करने लगी।
ब्रा को हिंदी में क्या कहते हैं?
ब्रा को हिंदी में कई नामों से जाना जाता है, जो भारत की विविध भाषा और संस्कृति को दर्शाते हैं। कुछ लोग इसे वक्षावृत, वक्षोपवस्त्र, कुच वस्त्र, कुचाग्रनीवी, चोली, कुचबंधन, या कंचुकी कहते हैं। इनमें से कुछ शब्द सांस्कृतिक या शास्त्रीय मूल के हैं, जो प्राचीन भारत में महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले वस्त्रों का वर्णन करते हैं। कुछ शब्द बोलचाल की भाषा में प्रयुक्त होते हैं, जो आधुनिक ब्रा के रूप और कार्य को दर्शाते हैं।
सोशल मीडिया पर ब्रा के बारे में वायरल जानकारी