गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, किसानो के पास सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने का सुनहरा अवसर, मिलेगी 85% सब्सिडी
गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, जहां इन्हें सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने पर 85% की सब्सिडी मिलेगी।
गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, किसानो के पास सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने का सुनहरा अवसर, मिलेगी 85% सब्सिडी
सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों के लिए 85% सब्सिडी: गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, जहां इन्हें सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने पर 85% की सब्सिडी मिलेगी। इस पहल के तहत, विश्व बैंक और यूपीएसएमए ने मिलकर "यूपी प्रगति एग्री वाटर एक्सेलरेटर" परियोजना को शुरू किया है।
सब्सिडी और अनुदान का विवरण
अनुदान की राशि: विश्व बैंक (डब्ल्यूआरजी) गन्ना किसानों को सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने के लिए लागत का 85% तक का अनुदान प्रदान करेगा, जिससे किसानों को बड़ी राहत होगी।
बीमा लाभ: संयंत्र पर किसानों को बीमा लाभ भी दिया जाएगा, जिससे टूट-फूट और संयंत्र चोरी के मामले में उन्हें 100% बीमा का लाभ होगा।
अनुदान के प्रमुख विवरण
प्रमुख बिंदु राशि
अनुदान की राशि 220 करोड़ रुपए
लागत का अनुदान 85% तक सब्सिडी
बीमा लाभ टूट-फूट और चोरी पर 100%
प्रयोजना के उद्देश्य
मशीनीकरण को बढ़ावा: गन्ने की खेती में मशीनीकरण को प्रोत्साहित करना।
जल के कुशल आचरण: सूक्ष्म सिंचाई से जल के कुशल आचरण को बढ़ावा देना।
उत्पादन लागत में कमी: सिंचाई पद्धति से किसानों की उत्पादन लागत में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है।
किसानों को लागत का 85 प्रतिशत तक का अनुदान
विश्व बैंक (डब्ल्यूआरजी) राज्य के गन्ना किसानों को परियोजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने में आने वाली लागत का 85 प्रतिशत तक अनुदान देगी। वहीं, शेष 15 प्रतिशत लागत राज्य के निजी चीनी मिलों द्वारा किसानों को प्रदान की जाएगी। जिसकी वसूली बाद में किसानों से किस्तों के माध्यम से की जाएगी। इसके साथ ही, टूट-फूट और संयंत्र चोरी होने पर किसानों को शत-प्रतिशत बीमा का लाभ भी मिलेगा। राज्य में गन्ना किसानों को इस अनुदान के लिए डब्ल्यूआरजी (विश्व बैंक) 220 करोड़ रुपए खर्च करेगा।