सरकारी बाबुओं की हुई बल्ले बल्ले! लोकसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी, देखें किसकी कितनी बढ़ेगी सेलरी

सरकारी बाबुओं की हुई बल्ले बल्ले! लोकसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी, देखें किसकी कितनी बढ़ेगी सेलरी
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सरकारी बाबुओं की हुई बल्ले बल्ले! लोकसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी, देखें किसकी कितनी बढ़ेगी सेलरी

खेत खजाना : नई दिल्ली, अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने आपकी सैलरी में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। यह बढ़ोतरी महंगाई भत्ते (डीए) के रूप में होगी, जो कि आपकी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह बढ़ोतरी कब, कितनी और कैसे होगी।

महंगाई भत्ता वह भत्ता है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनकी मूल सैलरी के अतिरिक्त दिया जाता है। इसका उद्देश्य है, कि वे महंगाई के बढ़ते दबाव से बच सकें। महंगाई भत्ता उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जो कि वस्तुओं और सेवाओं के दामों में परिवर्तन को दर्शाता है। जब CPI बढ़ता है, तो महंगाई भत्ता भी बढ़ता है और जब CPI घटता है, तो महंगाई भत्ता भी घटता है।

केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने का फैसला मार्च 2024 में किया है। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2024 से लागू होगी। इससे पहले, अक्टूबर 2023 में भी महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। इस तरह, एक साल में महंगाई भत्ते में कुल आठ फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी।

महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कितनी होगी?

महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्रभाव सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर निम्नलिखित तरीके से पड़ेगा:

जो कर्मचारी 18,000 रुपये की मूल सैलरी पर हैं, उनको महंगाई भत्ते में 720 रुपये की बढ़ोतरी मिलेगी।

जो कर्मचारी 25,000 रुपये की मूल सैलरी पर हैं, उनको महंगाई भत्ते में 1,000 रुपये की बढ़ोतरी मिलेगी।

जो कर्मचारी 50,000 रुपये की मूल सैलरी पर हैं, उनको महंगाई भत्ते में 2,000 रुपये की बढ़ोतरी मिलेगी।

जो कर्मचारी 1 लाख रुपये की मूल सैलरी पर हैं, उनको महंगाई भत्ते में 4,000 रुपये की बढ़ोतरी मिलेगी।

महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कैसे होगी?

महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने के लिए, केंद्र सरकार ने 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर एक फॉर्मूला अपनाया है। इस फॉर्मूले के अनुसार, महंगाई भत्ता की दर को अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के 12 महीने के औसत के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इसके अलावा, महंगाई भत्ता की दर को दो बार साल में संशोधित किया जाता है, एक बार 1 जनवरी को और दूसरी बार 1 जुलाई को।

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