नरमा कपास की फसल के नुकसान का 100% मुआवजा देगी सरकार, ब्यौरा दर्ज करवाने के लिए ये जानकारी है बेहद जरूरी

राज्य के कृषि मंत्री ने कपास की फसल पर होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए एक नया पोर्टल शुरू किया है। अब किसान आसानी से अपने फसल के नुकसान का ब्योरा दर्ज कर सकते हैं और सरकार से मदद प्राप्त कर सकते हैं।

नरमा कपास की फसल के नुकसान का 100% मुआवजा देगी सरकार, ब्यौरा दर्ज करवाने के लिए ये जानकारी है बेहद जरूरी
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नरमा कपास की फसल के नुकसान का 100% मुआवजा देगी सरकार, ब्यौरा दर्ज करवाने के लिए ये जानकारी है बेहद जरूरी

हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! राज्य के कृषि मंत्री ने कपास की फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए एक नया तरीका शुरू किया है। अगर आप भी हरियाणा के किसान हैं, तो यह आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है।

कपास की फसल पर आए नुकसान का आकलन

हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है, अब राज्य के कृषि मंत्री ने कपास की फसल पर होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए एक नया पोर्टल शुरू किया है। अब किसान आसानी से अपने फसल के नुकसान का ब्योरा दर्ज कर सकते हैं और सरकार से मदद प्राप्त कर सकते हैं।

कैसे करें ब्योरा दर्ज?

कृषि मंत्री ने बताया कि किसान 1 अक्टूबर से ई-मुआवजा पोर्टल का उपयोग करके अपने फसल के नुकसान का ब्योरा दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

पंजीकरण: किसानों को 30 सितंबर तक कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपनी कपास की फसल का पंजीकरण करना होगा।

ब्यौरा दर्ज: फसल के नुकसान का विवरण दर्ज करें और मामूली शुल्क चुकाकर फसल सुरक्षित करें।

वीडियोग्राफी: आपको अपने नुकसान के सटीक आकलन के लिए वीडियोग्राफी करने का भी आदेश दिया जा सकता है।

क्लस्टर-दो योजना

हरियाणा सरकार ने कपास के क्लस्टर-दो तहत कई जिलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा नहीं करवाने वाले किसानों के लिए क्लस्टर-दो उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कपास की फसल के लिए फसल सुरक्षा योजना भी शुरू की गई है।

सहायता प्राप्त करें

कृषि मंत्री ने कपास की फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को जल्दी से जल्दी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को फसल के नुकसान के आधार पर आर्थिक सहायता प्रदान की जा सके।

लाभ

यह पहल नहीं है जब हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए नए और सुविधाजनक प्रोसेस का शुरू किया है ताकि वे अपने नुकसान का आकलन कर सकें और सहायता प्राप्त कर सकें। किसानों को अपने हकों की सुरक्षा के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है।

इसके साथ ही, "मेरी फसल-मेरा ब्यौरा" पोर्टल को भी तत्काल प्रभाव से 3 दिन के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है, ताकि जो किसान अभी तक इस पोर्टल पर अपनी फसल का विवरण पंजीकृत नहीं किया है, वे इसका उपयोग करके अपनी फसल बेचने की सुविधा प्राप्त कर सकें।

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